Last Updated: Monday, August 26, 2013, 09:02
ज़ी मीडिया ब्यूरो/संजीव कुमार दुबेनई दिल्ली: संसद में सोमवार को एक बार फिर फूड बिल पर घमासान होने की आशंका है। सरकार की कोशिश सोमवार को हर हाल में फूड बिल पर बहस पूरा करवाने की होगी लेकिन विपक्ष के तेवर कुछ और ही है।
मॉनसून सत्र की मियाद इसी हफ्ते 30 तारीख तक तय थी जिसे बढ़ाकर 5 सितंबर कर दिया गया है। ऐसे हालात में कांग्रेस चाहती है इस दौरान फूड बिल समेत कुछ और अहम बिल को संसद की मंजूरी मिल जाए लेकिन विपक्ष का विरोध उसके लिए मुसीबतों का सबब बना हुआ है।
सरकार को उम्मीद है कि इस बिल को पास होने में अब ज्यादा मुश्किल नहीं आएगी क्योंकि सरकार ने विपक्ष को मनाने की खातिर बिल में कई संशोधन किए हैं। दूसरी तरफ विपक्ष संसोधनों पर ही सरकार को घेरने की कोशिश कर सकता है।
दूसरी तरफ एआएडीएमके ने भी फूड बिल का विरोध करते हुए कहा है कि अगर विधेयक में संशोधन के लिए उसके सुझाव नहीं माने गए तो पार्टी संसद में फूड बिल के खिलाफ वोट कर सकती है।
गौर हो कि फूड बिल के तहत ग्रामीण इलाकों में 75 फीसदी और शहरी इलाकों में 50 फीसदी जनता को 3 रुपए किलो चावल, 2 रुपए किलो गेहूं और 1 रुपए किलो मोटा अनाज दिया जाएगा। हर परिवार को प्रति महीने 25 किलो अनाज मिलेगा। अंत्योदय यानी सबसे गरीब परिवारों को 35 किलो अनाज दिया जाएगा।
First Published: Monday, August 26, 2013, 09:02