Last Updated: Tuesday, January 31, 2012, 13:29
ज़ी न्यूज ब्यूरो नई दिल्ली : फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट राफेल को भारत से 126 बहुभूमिका वाले लड़ाकू विमानों का आर्डर मिला है। सूत्रों के अनुसार, कई अरब डालर के सौदे के लिए डसॉल्ट को सबसे कम की बोली लगाने वाला घोषित किया गया है। यह सौदा करीब 75,000 करोड़ रुपये का है।
फ्रांस की विमानन कंपनी डसॉल्ट राफेल ने 126 बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमानों की आपूर्ति के लिए 10.4 अरब डॉलर का ठेका हासिल कर लिया। एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी मंगलवार को दी। अधिकारी के मुताबिक डसॉल्ट ने ठेके के लिए सबसे कम राशि की बोली लगाई थी। कंपनी 10 सालों में भारतीय वायु सेना को इन लड़ाकू विमानों की आपूर्ति करेगी।
भारतीय वायुसेना को 126 लड़ाकू विमान बेचने का अरबों डालर का ठेका फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट राफेल को मिल गया है। यह देश में अपनी तरह का सबसे बड़ा सौदा है। डसॉल्ट ने यूरोप की ही कंपनी ईएडीएस को पछाड़ते हुए यह ठेका हासिल किया।
सूत्रों ने बताया कि फ्रांसीसी कंपनी को सबसे नीची बोली लगाने वाला घोषित किया गया है। अब उसे भारत की रक्षा खरीद प्रक्रिया के अंतर्गत यह ठेका दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट राफेल सबसे कम बोली (एल-1) लगाने वाली फर्म के रूप में सामने आई है। उसकी बोली टेंडर में यूरोपीय प्रतिद्वंद्वी ईएडीएस से सस्ती है, जिससे उसे भारतीय वायुसेना को विमान की आपूर्ति की पेशकश की जाएगी।
ईएडीएस यूरोफाइटर बनाती है। उन्होंने कहा कि डसॉल्ट के प्रतिनिधियों को इस घटनाक्रम के बारे में आज सुबह सूचित कर दिया गया और आगे की बातचीत 10-15 दिन में होगी। इस अनुबंध पर अगले वित्त वर्ष में ही हस्ताक्षर होंगे। प्रस्ताव के लिए आग्रह (आरएफपी) के अनुसार अनुबंध हासिल करने वाली कंपनी को 126 में से 18 लड़ाकू विमान तीन साल में देने होंगे। शेष विमान एचएएल के बेंगलूर कारखाने में बनेंगे।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी एफ-16 व एफ-18, रूस की मिग 35, स्वीडन की साब ग्रिपेन भी शुरू में इस अनुबंध की दौड़ में थी। लेकिन रक्षा मंत्रालय ने पिछले साल अप्रैल में डसाल्ट व ईएडीएस को ही आगे विचार के लिए चुना।
First Published: Wednesday, February 1, 2012, 15:45