Last Updated: Sunday, April 29, 2012, 18:32
धर्मशाला : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता शांत कुमार ने रविवार को कहा कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण को लेकर भाजपा का रवैया नरम रहा था। 11 साल पुराने रिश्वत मामले में बंगारू लक्ष्मण को दोषी ठहराया जाना पार्टी के लिए ‘काला दिवस’ है और उसे समय रहते उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करने की कीमत पार्टी को चुकानी होगी। शांता ने यह भी कहा कि यदि भाजपा ने पहले ही इस दिशा में कार्रवाई की होती तो आज उसे शर्मिंदगी का सामना नहीं करना पड़ता।
शांता रविवार को बंगारू को रिश्वत के एक मामले में अदालत द्वारा चार साल कैद की सजा सुनाए जाने के एक दिन बाद प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने वर्ष 2001 में भी बंगारू को हटाने की मांग की थी, जब वह कैमरे पर एक फर्जी कम्पनी के डीलर से एक लाख रुपए की रिश्वत लेते पाए गए थे। इस सम्बंध में शांता कुमार ने कहा, 'जब मैंने यह मांग उठाई तो पार्टी के कुछ नेता इससे खुश नहीं थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को छोड़कर किसी ने भी मेरा समर्थन नहीं किया था। अब वे कह रहे हैं कि उनका बंगारू से कोई लेना-देना नहीं है।'
उन्होंने कहा, 'यदि हमने उस वक्त कार्रवाई की होती तो आज हम यह कहने की स्थिति में होते कि हमने भ्रष्टाचार में संलिप्त व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की, न कि हमें यह कहना पड़ता कि हमने वक्त पर कार्रवाई नहीं की।' शांता कुमार ने यह भी कहा कि भाजपा को आत्मपरीक्षण करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'यह भ्रष्टाचार के खिलाफ कुछ कड़े कदम उठाने का समय है। इसमें हिमाचल प्रदेश की भाजपा शसित सरकार भी अपवाद नहीं हो सकती।'
(एजेंसी)
First Published: Monday, April 30, 2012, 12:15