बंधक संकट: कोई प्रतिक्रिया नहीं, वार्ता अटकी - Zee News हिंदी

बंधक संकट: कोई प्रतिक्रिया नहीं, वार्ता अटकी



भुवनेश्वर : बीजद विधायक झीना हिकाका और इतालवी नागरिक पाओलो बोसुस्को की रिहाई के बदले में जेल में बंद 27 लोगों को रिहा करने की ओडिशा सरकार की घोषणा पर अपहर्ता नक्सली समूहों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। वहीं, माओवादियों के मध्यस्थों ने रिहाई की शर्तों पर सवाल खड़े किए हैं। इन दोनों को दो अलग-अलग नक्सल समूहों ने बंधक बना रखा है। लक्ष्मीपुर के 34 वर्षीय विधायक और 54 वर्षीय इतालवी नागरिक की रिहाई को लेकर माओवादियों ने चुप्पी साध रखी है। हालांकि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इन लोगों को रिहा करने के बदले में 27 कैदियों के नाम की घोषणा की जिनकी रिहाई दोनों अपहृतों की रिहाई को ‘सुगम’ बनाएगी।

 

गृह सचिव यू एन बेहरा की अगुवाई में राज्य सरकार के तीन सदस्यीय दल के साथ माओवादियों की ओर से उनके दो नामित वार्ताकारों बीडी शर्मा और दंडपाणि मोहंती ने दिन में वार्ता में हिस्सा लिया। माओवादियों के मध्यस्थों ने कहा कि हम ‘सुगम’ शब्द को समझ पाने में नाकाम रहे हैं। इसका कुछ भी अर्थ हो सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह साफ करना चाहिए कि वह रिहाई को कैसे सुगम बनाएगी।

 

शर्मा और मोहंती ने कहा कि सरकार की घोषणा पर माओवादियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है , लेकिन हमें अपहर्ताओं से जल्द कुछ प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद है। सूत्रों ने बताया कि इस वार्ता में माओवादी मध्यस्थों और सरकारी पक्षों ने उन नामों की जांच की जिन्हें जेलों से रिहा किया जाएगा। वहीं, माओवादियों की ओर से रखी गई 13 सूत्री मांगों में से 12 अन्य मांगों पर भी चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि सरकारी पक्ष ने इतालवी नागरिक की रिहाई की प्रक्रिया तेज करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

 

भाकपा (माओवादी) ओडिशा राज्य संगठन समिति के सचिव सव्यसाची पांडा ने एक आडियो संदेश में बोसुस्को की रिहाई के बदले में जेल से सात लोगों की तत्काल रिहाई की मांग की थी। इनमें उनकी पत्नी शुभश्री दास उर्फ मिलि पांडा भी शामिल हैं।

 

शुभश्री का नाम उन चार लोगों की सूची में है जिनकी बोसुस्को के बदले में रिहाई का प्रस्ताव है। इस बीच, भाकपा (माओवादी) की आंध्र ओडिशा सीमा विशेष क्षेत्रीय समिति की ओर से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई है। उसने हिकाका के अपहरण की जिम्मेदारी ली है। हालांकि उसने बीजद विधायक की रिहाई के बदले में अपनी मांगों को पूरा किए जाने के लिए दी गई समयसीमा कल तक के लिए बढ़ा दी है। विधायक का अपहरण करने वाले भाकपा (माओवादी) के आंध्र ओडिशा सीमा विशेष संभागीय समिति ने अपनी मांगों को पूर करने के लिए समयसीमा कल तक के लिए बढा दी ।

 

एक माओवादी नेता ने कल मीडिया के एक तबके के पास फोन करते हुए बताया कि कल खत्म हो रही समय सीमा को सात अप्रैल की शाम तक के लिए बढ़ा दिया गया है। विधानसभा में रिहा किए जाने वाले 27 कैदियों के नामों की घोषणा करते वक्त कल मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य सरकार उनकी रिहाई के लिए कानूनी कदम उठाएगी। उनमें से 15 लोग नक्सल समर्थित चासी मुलिया आदिवासी संघ से जुड़े हैं जबकि आठ माओवादियों को बीजद विधायक के बदले में रिहा किया जाएगा। जिन चार अन्य लोगों को रिहा किया जाना है उनके नामों की सूची भाकपा (माओवादी) की ओडिशा राज्य संगठन समिति ने सौंपी है। पुरी के इतालवी टूर ऑपरेटर बोसुस्को के अपहरण में उसी का हाथ है।

(एजेंसी)

First Published: Friday, April 6, 2012, 18:10

comments powered by Disqus