Last Updated: Tuesday, May 22, 2012, 11:47
नई दिल्ली : बच्चों के साथ यौन बर्ताव, पोर्न (अश्लील) फिल्मों में उनके इस्तेमाल और लैंगिक अपराध से उनके संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण विधेयक को मंगलवार को संसद ने पारित कर दिया। लैंगिक अपराध से बच्चों का संरक्षण विधेयक 2012 को लोकसभा ने आज मंजूरी दी। राज्यसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है।
विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने कहा कि विधेयक के दायरे में 18 साल से कम उम्र के सभी बच्चे बच्चियों को शामिल किया गया है। इसमें छह तरह के यौन बर्ताव के लिए कडी सजा का प्रावधान किया गया है। पोर्न फिल्मों में बच्चों के इस्तेमाल को भी इस विधेयक के तहत लाया गया है।
कृष्णा ने बताया कि विधेयक में प्रावधान किया गया है कि पुलिस को 30 दिन में बच्चे का बयान दर्ज करना होगा और एक साल में मामले को हल करना होगा। इसके अलावा बच्चे की मर्जी से मुकदमा चलेगा। वह चाहे तो अपने घर या किसी अन्य जगह के चयन के लिए स्वतंत्र होगा। उन्होंने कहा कि यदि कोई पुलिस अधिकारी लैंगिक अपराध के मामले को दर्ज नहीं करता है तो उसके लिए भी कार्रवाई का प्रावधान विधेयक में किया गया है। विधेयक में भारतीय दंड संहिता से कहीं ज्यादा कडे प्रावधान किए गए हैं।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 23, 2012, 01:19