Last Updated: Tuesday, July 30, 2013, 08:47

नई दिल्ली : बटला हाउस मुठभेड़ कांड (2008) के एकमात्र दोषी इंडियन मुजाहिदीन के शहजाद अहमद के भाग्य का फैसला मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत करेगी। सोमवार को इस फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था। अभियोजन पक्ष ने इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर मामला करार देते हुए शहजाद को मौत की सजा देने की मांग की है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजेंद्र कुमार शास्त्री के सामने अहमद को फांसी देने की मांग की गई।
शास्त्री ने ही 25 जुलाई को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ निवासी शहजाद को दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा के इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा की हत्या का दोषी ठहराया था। अदालत मंगलवार दोपहर 2 बजे फैसला सुनाएगी।
कौर ने पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब और बम धमाकों के दोषी दीपेंदरपाल सिंह भुल्लर के मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का उदाहरण देते हुए कहा कि बटला हाउस मामले ने भी ऐसे ही समाज की सामूहिक चेतना को हिला दिया।
कौर ने कहा कि पुलिस का इरादा आतंकवादियों को केवल हिरासत में लेना था। यदि इसके अलावा कोई अन्य इरादा होता तो वे बिना बुलेट प्रूफ जैकेट के मौके पर नहीं जाते। अहमद की ओर से पेश हुए वकील सतीश टम्टा ने सजा के मामले में अदालत से नरम रुख रखने का आग्रह करते हुए कहा कि मामला रेयरेस्ट ऑफ रेयर श्रेणी में नहीं आता है।
उन्होंने कहा कि पूरा मामला संगठित अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। यह केवल एक क्षणिक घटना थी। यह महिलाओं और बच्चों के खिलाफ नहीं थी। उन्होंने आग्रह किया कि एक मौका अहमद को सुधरने के लिए दिया जाए।
अहमद उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला है। दिल्ली में 13 सितंबर, 2008 में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों के छह दिन बाद पुलिस ने इंस्पेक्टर शर्मा के नेतृत्व में खुफिया सूचना के आधार पर 19 सितंबर, 2008 को जब दक्षिणी दिल्ली के जामिया नगर इलाके में स्थित बटला हाउस में छापा मारा था तो उस वक्त वहां मौजूद लोगों में अहमद भी था।
बम विस्फोट करोल बाग, कनाट प्लेस, ग्रेटर कैलाश तथा इंडिया गेट इलाके में हुए थे, जिसमें इंडियन मुजाहिदीन का हाथ होने की बात कही जा रही है। इस आतंकवादी वारदात में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 133 घायल हो गए थे।
पुलिस को सूचना मिली थी कि बम विस्फोटों के लिए वांछित संदिग्ध जामिया नगर के चारमंजिला बटला हाउस की फ्लैट संख्या एल-18 में छिपे हुए हैं। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की और 19 सितंबर, 2008 को उसकी टीम सुबह 10.30 बजे बटला हाउस की दूसरी मंजिल पर पहुंची। इस दौरान दोनों के बीच गोलीबारी हुई। आतंकवादियों की ओर से चली गोली इंस्पेक्टर शर्मा को लगी। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
पुलिस की इस कार्रवाई में दो संदिग्ध आतंकवादी आतिफ अमीन तथा मोहम्मद साजिद मारे गए, जबकि दो अन्य संदिग्ध मोहम्मद सैफ और जीशान को गिरफ्तार कर लिया गया। एक अन्य आतंकवादी भागने में सफल रहा।
पुलिस ने इस मामले में अहमद के खिलाफ 28 अप्रैल, 2010 को आरोपपत्र दाखिल किया गया था। अभियोजन पक्ष ने 70 गवाहों को पेश किया, जिसमें पुलिस की छापेमारी टीम में शामिल छह प्रत्यक्षदर्शी भी थे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 30, 2013, 08:44