Last Updated: Thursday, July 19, 2012, 23:31
नई दिल्ली : केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने एक प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें बलात्कार के बजाय ‘यौन अपराध’ शब्द का इस्तेमाल किया जायेगा। इस बदलाव से यह अपराध किसी लिंग विशेष की ओर इंगित नहीं करेगा।
कैबिनेट ने गुरुवार शाम हुई बैठक में एसिड से हमला करने को एक अलग अपराध बनाने और उसके लिए अधिकतम दस साल की सजा रखने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी।
संशोधन के जरिये परिभाषा का विस्तार होगा ताकि पुरूषों के खिलाफ होने वाले यौन हमले भी उसी कानून के तहत आ सके जिसमें महिला संबंधित ऐसे अपराध आते हैं। फिलहाल यह अपराध भारतीय दंड संहिता की धारा 375 के तहत आता है। इसमें एक महिला की इच्छा के बिना उससे संभोग करने पर कहा जाता है कि एक पुरूष ने बलात्कार किया।
सवालों के जवाब में महिला एवं बाल कल्याण मंत्री कृष्णा तीरथ ने कहा कि कैबिनेट ने मसौदा प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी। उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने उनके मंत्रालय के एक अन्य प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी जिसके तहत किसी भी व्यक्ति के खिलाफ एसिड हमले को एक अलग कानून के तहत लाया जाये जिसमें अधिकतम दस साल की सजा होगी।
कृष्णा ने यह भी बताया कि कैबिनेट ने यह भी तय किया कि अपराध दंड संहिता और भादंस की कुछ धाराओं को संशोधित किया जाये जो अल्पवयस्कों की उम्र से संबंधित हैं। (एजेंसी)
First Published: Thursday, July 19, 2012, 23:31