Last Updated: Monday, December 31, 2012, 15:52

कोच्चि : दिल्ली में सामूहिक बलात्कार की घटना के बीच भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को बलात्कार के मामलों में दोषियों को अधिकतम सजा के रूप में मृत्युदंड देने या उन्हें रसायनिक रूप से नपुंसक बनाने का सुझाव दिया।
भाजपा के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू ने यहां संवाददाताओं से कहा कि बलात्कारियों के लिए अधिकतम सजा मृत्युदंड या उन्हें रसायनिक रूप से नपुंसक बनाना होनी चाहिए।
भाजपा की ओर से यह सुझाव ऐसे समय आया है जबकि कांग्रेस पार्टी ने बलात्कारियों को नपुंसक बनाने संबंधी प्रस्ताव दिया है। कांग्रेस ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर लगाम कसने के लिए कानूनों को सख्त करने के लिए मसौदा विधेयक तैयार किया है, जिसमें बलात्कारियों को रसायनिक रूप से नपुंसक बनाने सहित दोषियों को 30 साल के कारावास का सुझाव भी शामिल है।
संप्रग सरकार पर निशाना साधते हुए नायडू ने कहा कि कांग्रेस नीत सरकार की असंवेदनशीलता, दुविधा और निष्क्रियता ने देश में यह गलत संदेश दिया है कि राजनीतिक जमात खासकर संसदीय प्रणाली, इस मौके पर कुछ भी करने में नाकाम रही है।
नायडू ने कहा कि उनकी अध्यक्षता वाली एक संसदीय समिति ने भी सबक सिखाने वाली सजा देने के लिए बलात्कार के दोषी को रसायनिक रूप से नपुंसक बनाने का प्रस्ताव दिया था।
उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव गृह मंत्रालय को सौंपा गया है और गृह एवं विधि मंत्रालयों से सुझाव मिलने का इंतजार है। इस समिति की अगली बैठक चार जनवरी को होनी है।
नायडू ने कहा कि दिल्ली सामूहिक बलात्कार की घटना ने सरकार के लापरवाह रवैये का खुलासा कर दिया है। उन्होंने कहा कि चार दिन तक केन्द्रीय गृह मंत्रालय संसद के दोनों सदनों के सदस्यों की मांग पर अपनी प्रतिक्रिया देने में लापरवाह और अस्पष्ट बना रहा और उसने न्यायिक आयोग गठित करने और कुछ कनिष्ठ पुलिसकर्मियों को निलंबित करने में कई दिन लगा दिये।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सात दिन तक राष्ट्र को संबोधित नहीं किया। यह सब कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे पर सरकार के लापरवाह रवैये को दिखाता है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कल तक इस घटना पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। नायडू ने प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई पर भी आपत्ति जताई।
हर जिले में फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित करने और सुनवाई बंद कमरे में तीन महीने में पूरी करने की मांग करते हुए नायडू ने कहा कि यौन अपराध के मामलों का निबटारा शीघ्र होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस को संवेदनशील बनाने और महिलाओं के खिलाफ किसी भी तरह के अत्याचार के लिए इलाके के वरिष्ठ अधिकारी को जवाबदेह बनाने की जरूरत है।
नायडू ने महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ने के लिए फिल्मों और टेलीविजन धारावाहिकों में हिंसा को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि सिनेमा और टीवी धारावाहिकों की भूमिका की समीक्षा की जरूरत है और हिंसा, अश्लील दृश्यों तथा भड़काउ संवादों पर गौर करने की आवश्यकता है। उन्होंने सख्त आचार संहिता की मांग करते हुए कहा कि सिनेमा और धारावाहिकों का असल जिंदगी पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
नायडू ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक लंबे समय से अटका हुआ है और इस पर जल्दी गौर करने की आवश्यकता है।न उन्होंने कहा कि भाजपा इस संबंध में सरकार की किसी भी पहल का समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि पुलिस सुधार, न्यायिक सुधार और पुलिस बल में महिलाओं की भागेदारी बढ़ाने की जरूरत है। (एजेंसी)
First Published: Monday, December 31, 2012, 15:52