Last Updated: Friday, December 21, 2012, 23:05

नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने गत रविवार को चलती बस में पैरामेडिकल की छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना को मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल की सबसे दर्दनाक घटना करार दिया और कहा कि वह निजी तौर पर बलात्कारियों को फांसी की सजा के पक्ष में हैं।
शीला ने कहा कि वह दिल्ली को भारत की रेप कैपिटल कहे जाने के खिलाफ हैं और शहर की महिलाओं के मन में विश्वास भरने के लिए कुछ ठोस किये जाने की जरूरत है।
जब संवाददाताओं ने मुख्यमंत्री से पूछा कि क्या वह निजी तौर पर बलात्कार के दोषियों को फांसी की सजा की वकालत करती हैं तो उन्होंने कहा कि हां, निजी तौर पर मैं बलात्कारियों के लिए इसके पक्ष में हूं। हमें इस तरह के जघन्य अपराधों को करने वालों को कड़ी सजा देनी चाहिए ताकि डर पैदा हो। सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद शहर भर में हो रहे प्रदर्शनों को सही ठहराते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पीड़ित लड़की का बेहतर उपचार कराने के लिहाज से उसे विदेश ले जाने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से उस पर हमला किया गया , मैं स्तब्ध हूं। यह वाकई भयावह है। शीला ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि उनमें अस्पताल में भर्ती सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता से मिलने की हिम्मत नहीं है और वह दिल्ली पर `दुष्कर्म की राजधानी` होने का धब्बा लगने से दुखी हैं। देश में सबसे लम्बी अवधि तक सेवा देने वाली महिला मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून एवं व्यवस्था के मामले में उनके हाथ बंधे हुए हैं, क्योंकि यह दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। (एजेंसी)
First Published: Friday, December 21, 2012, 23:05