बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आज, यूपीए को समर्थन पर सस्पेंस

बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आज, यूपीए को समर्थन पर सस्पेंस

बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आज, यूपीए को समर्थन पर सस्पेंसज़ी न्यूज ब्यूरो

लखनऊ: केंद्र की यूपीए सरकार को समर्थन के मसले पर बसपा सुप्रीमो मायावती आज खुलासा करेंगीं। तमाम अटकलों, कयासों और सस्पेंस का आज खात्मा हो जाएगा कि मायावती यूपीए को समर्थन जारी रखेंगी या नहीं।

कल लखनऊ के रमाबाई मैदान में बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने समाजवादी पार्टी,कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी पर एक साथ जमकर हमला बोला लेकिन केंद्र को दिए जा रहे समर्थन को लेकर अपना फैसला उन्होंने आज के लिए टाल दिया। अब सबकी नजरें आज को होने वाली बसपा कार्यकारिणी की बैठक पर टिकी हुई हैं, जिसमें केंद्र सरकार को समर्थन को लेकर मायावती कोई चौंकाने वाला फैसला ले सकती हैं।

अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में मायावती को नोटिस जारी किया है। इसलिए ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि मायावती क्या फैसला लेती है।

मायावती ने कहा था कि उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को दिए जा रहे फैसले को लेकर बैठक में नए सिरे से पुनर्विचार किया जाएगा।

इससे पहले मायावती ने कहा, विधानसभा चुनाव के दौरान सपा, कांग्रेस और भाजपा ने मिलकर बसपा को हराने का काम किया। हमें हराने के लिए ही कांग्रेस और भाजपा ने अपने मतों को सपा के पाले में ट्रांसफर करवाया लेकिन विधानसभा चुनाव में मिली करारी हाल का बदला अगले लोकसभा चुनाव में लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सपा सरकार के छह महीने के कार्यकाल में ही यूपी क्राइम प्रदेश बन गया है।

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह पर अब तक का सबसे कड़ा हमला बोलते हुए कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर ने पिछड़ों के लिए काम नहीं किया होता तो मुलायम का परिवार आज खेतों में गाय चरा रहा होता। अम्बेडकर के योगदान को सपा वाले भूल गए हैं।

लोक निर्माण मंत्री शिवपाल यादव पर अप्रत्यक्ष तौर पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का एक मंत्री खुलेआम कह रहा है कि चोरी कर लेना लेकिन डाका मत डालना।

मायावती के आरोपों पर पलटवार करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि पूर्ववर्ती मायावती सरकार ने पिछले पांच साल में उत्तर प्रदेश को बहुत पीछे ढकेल दिया।

अखिलेश ने कहा कि मायावती की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती बसपा सरकार ने पिछले पांच साल केवल राज्य में पार्को, स्मारकों और मूर्तियों का निर्माण किया। अगर माया सरकार ने पत्थर और मूर्तियों पर पैसा बहाने के बजाय रोजगार सृजन पर ध्यान दिया होता तो आज लाखों युवकों को रोजगार मिल गया होता और हमारी सरकार को आज बेरोजगारी भत्ता नहीं बांटना पड़ता।

First Published: Wednesday, October 10, 2012, 08:26

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