Last Updated: Tuesday, October 16, 2012, 18:49

नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वारा बाघ संरक्षण के संबंध में नए दिशानिर्देश अधिसूचित किए जाने के साथ ही उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को एक बार फिर देश के बाघ अभयारण्यों में बाघ पर्यावास के सघन इलाकों में पर्यटन गतिविधियां शुरू करने की अनुमति दे दी।
न्यायमूर्ति ए.के. पटनायक और न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की खंडपीठ ने बाघ अभयारण्यों के संदर्भ में राज्यों के लिए केंद्र सरकार के नए दिशानिर्देशों को हरी झण्डी देते हुए अपने 24 जुलाई के आदेश में सुधार कर दिया। इसी आदेश के तहत न्यायालय ने बाघ अभयारण्य के भीतरी और आसपास के इलाके में पर्यटन से संबंधित गतिविधियों पर अंतरिम रोक लगाई थी।
न्यायाधीशों ने अपने आदेश में कहा, हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमने न तो इन दिशानिर्देशों को वैध और न ही अवैध करार दिया है। न्यायाधीशों ने कहा कि अब इन बाघ अभयारण्यों में पर्यटन गतिविधियां 15 अक्तूबर को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा अधिसूचित दिशानिर्देशों के अनुरूप संचालित होंगी।
न्यायालय ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि आज से छह महीने के भीतर बाघ संरक्षण योजना तैयार करके बाघ संरक्षण प्राधिकरण को सौंपी जाए। न्यायालय ने कहा कि इस अधिसूचना से पीड़ित कोई भी पक्ष इसे उचित प्राधिकरण के समक्ष चुनौती देने के लिए स्वतंत्र होगा।
अतिरिक्त सालिसीटर जनरल इन्दिरा जयसिंह ने न्यायालय को सूचित किया कि देश के 41 बाघ अभयारण्यों के लिए 15 अक्तूबर को औपचारिक रूप से अधिसूचना जारी कर दी गई है। केंद्र सरकार ने नौ अक्तूबर को न्यायालय को सूचित किया था कि बाघ संरक्षण के बारे में नए दिशानिर्देश एक सप्ताह के भीतर अधिसूचित कर दिए जाएंगे। (एजेंसी)
न्यायालय ने वन्यजीव संरक्षक अजय दुबे की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान 24 जुलाई को बाघ अभयारण्यों के सघन इलाकों में पर्यटन संबंधी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस याचिका में बाघ अभयारण्यों में बाघ पर्यावास के सघन इलाकों से वाणिज्यिक पर्यटन की गतिविधियां हटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। न्यायालय ने इसके बाद 29 अगस्त और फिर 27 अगस्त को इस प्रतिबंध की अवधि बढ़ा दी थी।
इसके बाद 26 सितंबर को केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत की ओर से लगाई अंतरिम पाबंदी के चलते राज्यों के लिए नए दिशानिर्देश पेश किए थे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 16, 2012, 18:49