Last Updated: Thursday, September 27, 2012, 00:11
नई दिल्ली : केन्द्र सरकार ने देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के अभियान के तहत बाघों के सघन पर्यावास के 20 फीसदी क्षेत्र को पर्यटक गतिविधियों के लिए अनुमति देने का सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है। बाघ अभयारण्यों के सघन इलाकों में पर्यटन गतिविधियों पर कोर्ट द्वारा 24 जुलाई को लगाई गयी अंतरिम पाबंदी के बाद केन्द्र सरकार ने राज्यों के लिए नए दिशा निर्देश तैयार किए हैं। इसमें कहा गया है कि बाघों की आबादी को बचाने के इरादे से अब इन क्षेत्रों में कोई नई पर्यटक संरचना नहीं बनायी जानी चाहिए।
केन्द्र सरकार ने कहा है कि बाघ अभयारण्यों में पर्यटन को बढ़ावा देने के महत्व को ध्यान में रखते हुए सिफारिश की जाती है कि बाघों के सघन पर्यावास के अधिकतम 20 फीसदी क्षेत्र में नियंत्रित और कम संख्या में पर्यटकों को जाने की अनुमति दी जा सकती है। यदि वर्तमान उपयोग 20 फीसदी से अधिक होता है तो स्थानीय सलाहकार समिति इस क्षेत्र को 20 फीसदी सीमा के भीतर लाने के लिए एक समय सीमा तय कर सकती है।
न्यायमूर्ति ए के पटनायक और न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की खंडपीठ के समक्ष सरकारी वकील हैरिस बेरन ने इस मामले का उल्लेख किया। इस पर न्यायाधीशों ने उन्हें ये दिशानिर्देश पेश करने की अनुमति दे दी। इसमें केन्द्र ने कहा है कि पर्यटन क्षेत्र के रूप में ऐसे इलाके को चिन्हित किया जा सकता है और बाघ परियोजना तथा राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के दिशा निर्देशों के तहत संबंधित फील्ड निदेशक के एकीकृत नियंत्रण के जरिये बाघ अभयारण्यों में मध्यवर्ती क्षेत्र की बहाली की जा सकती है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, September 27, 2012, 00:11