Last Updated: Monday, May 7, 2012, 17:02
नई दिल्ली : सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ मुकदमा साजिश के आरोपों को हटाए बिना चलाया जाना चाहिए क्योंकि मध्यकालीन स्मारक को गिराया जाना ‘एकल व्यापक साजिश’ का हिस्सा था।
एजेंसी ने हाल में अपने हलफनामे में विवादित ढांचा गिराए जाने में कथित तौर पर शामिल आठ आरोपी नेताओं आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया और साध्वी ऋतंभरा के खिलाफ मुकदमे को 41 अन्य लोगों के खिलाफ चलाए जा रहे मुकदमे से अलग किए जाने का विरोध किया था। इन 41 अन्य लोगों में मुख्य रूप से कार सेवक हैं।
उसने कहा कि मुकदमे को अलग किए जाने का निचली अदालत और इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा समर्थन किया जाना ‘बिल्कुल गलत’ है। सीबीआई ने उच्च न्यायालय के 20 मई 2010 के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें आडवाणी के खिलाफ आपराधिक साजिश के आरोप को हटाने और वास्तव में ढांचा को ध्वस्त करने वाले और मीडियाकर्मियों पर हमला करने के आरोपियों से उनके मुकदमे को अलग करने के फैसले को बरकरार रखने वाले उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, May 8, 2012, 09:49