Last Updated: Friday, November 18, 2011, 14:03
नई दिल्ली : केन्द्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि विशिष्ट पहचान परियोजना (यूआईडी) के तहत कराई गई बायोमीट्रिक जनगणना सुरक्षा मानदंड पर खरी नहीं उतरती। चिदंबरम ने मांग की कि इस मुद्दे पर तत्काल यूआईडी संबंधी कैबिनेट कमेटी में चर्चा हो।
सूत्रों के मुताबिक, चिदंबरम ने कहा कि यूआईडी डाटा में फर्जी पहचान प्रोफाइल की संभावना बनती है। गृह मंत्रालय का दावा है कि यूआईडी को बिना पुष्टि वाले दस्तावेज देकर बनाया जा सकता है। महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त का कहना है कि बायोमीट्रिक डाटा एकत्र करने का काम उन पर छोड़ दिया जाना चाहिए।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के अध्यक्ष नंदन निलेकणी ने इस प्रक्रिया के बचाव में कहा कि स्वीकृत नियम प्रक्रिया के तहत एकत्र यूआईडी डाटा के मुताबिक ही आधार कार्ड जारी किए गए हैं।
सूत्रों ने बताया कि योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया को भेजे पत्र में चिदंबरम ने स्पष्ट कर दिया है कि यूआईडीएआई द्वारा एकत्र डाटा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से राष्ट्रीय आबादी रजिस्टर के तहत आवश्यक आश्वासनों पर खरा नहीं उतरता।
निलेकणी ने कहा कि योजना आयोग को गृह मंत्री के नजरिए की जानकारी है। हम अन्य विभागों की राय भी ले रहे हैंष इसके बाद उन्हें यूआईडी संबंधी कैबिनेट समिति के पास भेजा जाएगा। चिदंबरम की यह आशंका इन खबरों के बाद आई है कि बिना किसी जांच के यूआईडी में नाम दर्ज कराया जा सकता है। ऐसे दस्तावेजों के आधार पर इन्हें हासिल किया जा सकता है, जिनकी पुष्टि न हुई हो।
(एजेंसी)
First Published: Friday, November 18, 2011, 23:31