‘बार एसोसिएशन का बायकाट नैतिकता के खिलाफ’

‘बार एसोसिएशन का बायकाट नैतिकता के खिलाफ’

नई दिल्ली : भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूत्रि मार्कण्डेय काट्जू ने सोमवार को कहा कि दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामले के आरोपियों के बचाव नहीं करने का साकेत बार ऐसासिएशन का प्रस्ताव बार की तमाम परंपराओं और पेशेवराना नैतिकता के खिलाफ है।

काट्जू ने अपने ब्लॉग पर एक पोस्ट में ए. एस. मोहम्मद रफी बनाम तमिल नाडु मामले में अदालत की इस व्यवस्था का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि ‘समाज चाहे उसे कितना भी दुष्ट, दुश्चरित्र और घृणास्पद मानता हो, हर किसी को किसी अदालत में अपना बचाव करने का अधिकार है और उसी अनुरूप वकील को उसको बचाने का दायित्व है।’

काट्जू ने अपने पोस्ट में कहा ब्रिटिश शासन के दौरान क्रांतिकारियों का बचाव वकीलों ने किया। वकीलों की तरफ से मेरठ षड्यंत्र मामले में भारतीय कम्युनिस्टों का बचाव किया गया। हैदराबाद में रजाकारों का बचाव किया गया। शेख अब्दुल्ला और उनके सह-आरोपियों का बचाव किया गया और उसी तरह महात्मा गांधी और इंदिरा गांधी के कथित हत्यारों का बचाव किया गया।

उन्होंने इंगित किया कि मुंबई हमलों का अभियुक्त अजमल कसाब का बचाव भी अदालत में किया गया। (एजेंसी)

First Published: Monday, January 7, 2013, 23:27

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