Last Updated: Tuesday, February 14, 2012, 09:05
नई दिल्ली : आयकर विभाग ने देश के पूर्व प्रधान न्यायाधीश और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष केजी बालाकृष्णन और उनके परिवार के सदस्यों के निवेश और संपत्ति की ‘पूर्ण जांच रिपोर्ट’ केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को सौंप दी है। यह जांच रिपोर्ट आयकर विभाग की कोच्चि स्थित जांच शाखा ने विभाग की ही मुंबई जांच इकाई के साथ मिल कर तैयार की है। फिलहाल सीबीडीटी इस रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा है।
आयकर विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया, ‘पूर्व प्रधान न्यायाधीश बालाकृष्णन से संबंधित पूर्ण जांच रिपोर्ट पिछले साल सीबीडीटी को सौंप दी गई। न्यायमूर्ति बालाकृष्णन और उनके परिवार के सदस्यों के निवेशों तथा उनके स्वामित्व वाली संपत्तियों की जांच पूरी हो चुकी है।’ बहरहाल, अधिकारी ने रिपोर्ट के बारे में और जानकारी देने से इंकार कर दिया।
आयकर विभाग की कोच्चि स्थित जांच शाखा के डीजी ई टी लुकोज ने पिछले साल कहा था कि उन्होंने बालाकृष्णन के दो संबंधियों की आय की जांच के बाद कथित ‘काले धन’ के दो उदाहरण पाए। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र से यह बताने को कहा था कि क्या उसने बालाकृष्णन के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति के आरोपों पर कोई जांच कराई है।
पीठ ने अटॉर्नी जनरल जी ई वाहनवती से इस मुद्दे पर एक माह के अंदर उसे जानकारी देने को कहा है। न्यायमूर्ति बालाकृष्णन जून 2000 में सुप्रीम कोर्ट के जज बनाए गए थे। उन्हें 14 जनवरी 2007 को देश का प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किया गया। इस पद से वह 12 मई 2010 को सेवानिवृत्त हुए और फिर उन्हें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 14, 2012, 14:35