Last Updated: Monday, September 3, 2012, 23:56
गाजियाबाद : आरुषि-हेमराज हत्याकांड में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की गवाह और राजेश व नूपुर तलवार के यहां अस्थाई तौर पर काम कर चुकी नौकरानी ने सोमवार को सीबीआई की विशेष अदालत को बताया कि जिस दिन आरुषि की हत्या के बारे में पता चला था, उस दिन जब वह तलवार दम्पत्ति के घर काम करने के लिए गई थी तो फ्लैट का दरवाजा बाहर से बंद था।
नौकरानी भारती मंडल ने अदालत को बताया कि उस दिन सुबह कई बार खटखटाने पर भी किसी ने दरवाजा नहीं खोला। कुछ देर बाद आरुषि की मां जगकर आई और उसने उसे दरवाजे की नकली चाबी दी।
सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एस. लाल के समक्ष मंडल ने बताया कि उसने नूपुर से कहा कि उसके बार-बार दरवाजा खटखटाने पर भी घरेलू नौकर हेमराज ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
मंडल ने कहा कि घर में प्रवेश करते ही उसने आरुषि के पिता राजेश तलवार और उसकी पत्नी को अपनी बेटी की हत्या पर रोते हुए देखा। रोते हुए वे कह रहे थे कि हेमराज ने यह किया और भाग गया।
मंडल ने बताया कि इसके बाद वह घटनास्थल से चली गई।
मंडल की गवाही हो जाने के बाद बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि वे उससे पूछताछ नहीं करना चाहते।
आरुषि (14) का शव नोएडा स्थित उसके घर से 16 मई, 2008 को बरामद हुआ था। अगले ही दिन हेमराज का शव भी घर की छत से बरामद हुआ था।
इस मामले में आरुषि के माता-पिता को ही आरोपी बनाया गया है। (एजेंसी)
First Published: Monday, September 3, 2012, 23:56