Last Updated: Wednesday, December 28, 2011, 12:09
नई दिल्ली : लोकपाल विधेयक को संवैधानिक दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाए गए संविधान संशोधन विधेयक के मंगलवार को लोकसभा में गिर जाने के लिए कांग्रेस द्वारा विपक्ष को जिम्मेदार ठहराए जाने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कड़ा एतराज जताया है।
उसका कहना है कि कोई भी विधेयक पारित कराने की जिम्मेदारी विपक्ष की नहीं होती। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस अपनी गलती के लिए भाजपा पर दोष मढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि हम एक असंवैधानिक विधेयक पारित नहीं कर सकते। यह यदि कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के लिए प्रिय था तो विधेयक को पारित कराने की जिम्मेदारी कांग्रेस की है। उन्होंने कहा कि वे दो तिहाई बहुमत नहीं जुटा सके और जिम्मेदारी विपक्ष पर थोप रहे हैं। उन्होंने कई मौकों पर लोकसभा में बहुमत का घमंड दिखाया है लेकिन जब समय आया तो उनके पास 273 का आंकड़ा भी मौजूद नहीं था।
उन्होंने कहा कि आप अपनी हार को स्वीकार करो और इसके लिए हम पर दोष मत मढ़ो। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि हम लोकपाल को संवैधानिक दर्जा दिए जाने के पक्षधर हैं लेकिन संघीय ढांचे पर कोई चोट किए बगैर। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को भाजपा पर यह कहते हुए हमला बोला था कि लोकपाल को संवैधानिक दर्जा देने के प्रयास को नाकाम करके उसने 'अपना असली चेहरा' दिखा दिया है।
उन्होंने यहां कांग्रेस कार्यालय के बाहर संवाददाताओं से कहा कि संसदीय स्थायी समिति में भाजपा ने लोकपाल को संवैधानिक दर्जा देने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की थी। उन्होंने संवाददाताओं से पहले हिंदी और फिर अंग्रेजी में बात की। उन्होंने कहा, लेकिन मंगलवार को हमने भाजपा का असली चेहरा देख लिया। हम लोकपाल को जो ताकत देना चाहते हैं, वह उसे वह ताकत नहीं देना चाहते। लोकसभा में गर्मागरम बहस के बाद मंगलवार रात को लोकपाल विधेयक पारित कर दिया गया लेकिन लोकपाल को संवैधानिक दर्जा देने वाला संविधान संशोधन विधेयक पारित नहीं हो सका क्योंकि इसके लिए आवश्यक दो तिहाई बहुमत सरकार के पास नहीं था।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 28, 2011, 20:39