Last Updated: Sunday, December 9, 2012, 12:14
नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने बिहार के सेवानिवृत्त मुख्य सचिव गुरमिन्दर सिंह कांग को पटना उच्च न्यायालय के निर्देश का पालन नहीं करने के कारण अवमानना का दोषी ठहराए जाने का निर्णय सही ठहराया है। लेकिन न्यायालय ने उन्हें सख्त चेतावनी के साथ दो हजार रुपए का जुर्माना लगाने के बाद छोड़ दिया है।
न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति एफएम इब्राहिम कलीफुल्ला की खंडपीठ ने सेवानिवृत्त नौकरशाह की वृद्धावस्था को ध्यान में रखते हुए उसके प्रति नरमी दिखाई और उन्हें दो महीने के कैद की सजा सुनाने वाला उच्च न्यायालय का आदेश निरस्त कर दिया। न्यायाधीशों ने कहा कि गुरमिन्दर सिंह कांग को न्यायालय की अवमानना का दोषी ठहराने वाले उच्च न्यायालय के आदेश में किसी प्रकार के हस्तक्षेप की आवश्यता नहीं है। लेकिन अपीलकर्ता की वृद्धावस्था और हमारे सामने पश्चाताप करने के आचरण के मद्देनजर दो महीने की साधारण कैद की सजा बरकरार रखने की आवश्यकता नहीं है।
न्यायाधीशों ने इस बात पर भी अप्रसन्नता व्यक्त की कि न्यायालय के आदेशों का सरकारी अधिकारी पालन नहीं कर रहे हैं। न्यायाधीशों ने कहा, ‘हाल में हमारे सामने ऐसे अनेक मामले आये हैं जिनमें प्रशासन के उच्च स्तरीय अधिकारियों ने न्यायालय के आदेशों के प्रति कम सम्मान दिखाया है और वे हमेशा ही असंतोषजनक बहाने पेश करते हैं।’ कांग ने अवमानना के आरोप में उन्हें दो महीने की सजा सुनाने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील की थी। उच्च न्यायालय ने खाद्य, आपूर्ति और वाणिज्य आयुक्त के रूप में काम करते हुए कांग द्वारा न्यायिक आदेश पर अमल नहीं करने के कारण उन्हें 22 मार्च, 2004 को अवमानना का दोषी ठहराया था। (एजेंसी)
First Published: Sunday, December 9, 2012, 12:14