Last Updated: Wednesday, October 24, 2012, 13:13

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नागपुर : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस मामले में संज्ञान लिया है। ऐसा दावा कुछ रिपोर्ट में किया गया है। हालांकि बुधवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि गडकरी से संबंधित मसला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का अंदरुनी मामला है। इस प्रकरण में उन्होंने ज्यादा कुछ कहने पर चुप्पी साध ली।
नितिन गडकरी आज नागपुर में आरएसएस के कार्यक्रम में पहुचे। इसके बाद मोहन भागवत के साथ दशहरा के एक कार्यक्रम में मंच साझा करते हुए दिखे। बाद में पत्रकारों से बातचीत में भागवत ने कहा कि आरएसएस गडकरी के मसले पर कोई टिप्पणी नहीं करेगी और भाजपा का अंदरुनी मामला है। भागवत ने कहा है कि बीजेपी अध्यक्ष के रूप में नितिन गडकरी के दूसरे कार्यकाल पर फैसला खुद पार्टी को ही लेना है। यह बीजेपी का अंदरूनी मसला है। भागवत ने यह भी कहा कि आर्थिक रूप से संपन्न लोग भ्रष्टाचार करते हैं। जिस कार्यक्रम में भागवत में यह बात कही, जिसमें बीजेपी अध्यक्ष गडकरी भी मौजूद थे, जो कई आरोपों से घिरे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी चुनाव प्रणाली दोषपूर्ण है। आज की आधुनिक शिक्षा भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार है।
हालांकि, कहा यह भी जा रहा है कि आरएसएस ने गडकरी से भ्रष्टाचार प्रकरण में अपनी सफाई देने और खुद को बेदाग साबित करने को कहा है। एक अग्रणी अखबार के अनुसार, आरएसएस ने गडकरी से भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर स्पष्टीकरण भी मांगा है। इस बीच, गडकरी के निजी सचिव सुधीर देवगांवकर ने कहा है कि बीजेपी अध्यक्ष को आरएसएस की ओर से ऐसा कोई अल्टीमेटम नहीं दिया गया है।
उधर, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यिक्ष नितिन गडकरी के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अब अरविंद केजरीवाल के नेतृत्वऔ वाली इंडिया अगेंस्टक करप्श्न (आईएसी) ने नितिन गडकरी के खिलाफ कथित वित्ती य धांधली को लेकर भ्रष्टाअचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज करने के लिए यूपीए सरकार को चुनौती दी है।
पत्रकारों से बातचीत में केजरीवाल ने कल कहा था कि एक मीडिया संस्थानन की ओर से गडकरी के वित्तीतय गड़बड़ी के खुलासे ने आईएसी के इस दावे को पुख्ताह किया है कि कांग्रेस और भाजपा की भ्रष्टा चार में मिलीभगत है। बाद में एक न्यू ज चैनल से बातचीत में केजरीवाल के करीबी सहयोगी और प्रसिद्ध वकील प्रशांत भूषण ने भी गडकरी के खिलाफ भ्रष्टालचार निरोधक कानून के तहत केस दर्ज करने की मांग की है। गडकरी पर यह आरोप है कि पीडब्यूाचा डी मंत्री रहते समय उन्हों ने अपने पद का दुरुपयोग किया और एक कंपनी को फायदा पहुंचाया। उक्तक कंपनी ने गडकरी के स्वाहमित्वप वाली कंपनी पूर्ति पॉवर एंड शुगर लिमिटेड को लोन दिया।
गौरतलब है कि मीडिया रिपोर्टों में गडकरी की कंपनी पूर्ति पॉवर एंड शुगर लिमिटेड में धन के स्रोत पर कई सवाल उठाए गए हैं। मीडिया की पड़ताल में दावा किया गया है कि बड़े निवेशों और पूर्ति को दिए गए कर्ज का इंतजाम निर्माण क्षेत्र की कंपनी आइडियल रोड बिल्डर्स (आईआरबी) समूह ने किया। आईआरबी को साल 1995 से 1999 के बीच ऐसे समय में अनुबंध हासिल हुए जब गडकरी महाराष्ट्र में लोक निर्माण मंत्री थे। वहीं, गडकरी की कंपनी पूर्ति पॉवर एंड शुगर लिमिटेड में वित्तीय अनियमितता के आरोप लगने के बाद कंपनी मामलों के मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने कहा कि इस मुद्दे पर जानकारी सार्वजनिक हो गई है और कंपनी रजिस्ट्रार निश्चित तौर पर इसकी छानबीन करेंगे।
First Published: Wednesday, October 24, 2012, 13:05