Last Updated: Monday, August 27, 2012, 20:27

नई दिल्ली : सरकार ने आज भाजपा के इस आरोप को खारिज किया कि कोयला ब्लाक आवंटन मामले में कांग्रेस को ‘रिश्वत’ मिली है और साथ ही उसने लोकसभा में विश्वास प्रस्ताव लाने या संसद को अनिश्चित काल के लिए स्थिगित करने की संभावना से इंकार किया । वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने कोयला ब्लाक आवंटन के मुद्दे पर भाजपा द्वारा लगाये गये आरोपों का जवाब देने के लिए जल्दी में बुलाये गये एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं सुषमा स्वराज और अरूण जेटली द्वारा इस्तेमाल किये गये शब्दों ‘‘मोटा माल’’ को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि भाजपा को ऐसे शब्दों से बचना चाहिए ।
चिदम्बरम ने कहा, ‘‘मैं इसे सिरे से खारिज करता हूं ।’’ यह बहुत ही दुभागयपूर्ण है कि विपक्ष के नेता ने इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगाये हैं ।
वित्त मंत्री ने विपक्ष और खासकर भाजपा से अपील की कि संसद में आयें और प्रधानमंत्री द्वारा आज दिये गये बयान पर चर्चा करें । प्रधानमंत्री ने विस्तृत बयान दिया है उस पर चर्चा होनी चाहिए ।
चिदम्बरम ने प्रधानमंत्री के बयान में कैग के निष्कर्षों की आलोचना पर आपत्तियों को भी खारिज किया और कहा कि संवैधानिक संस्थाओं की जायज़ आलोचना की इजाज़त है ।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने इस बात से इंकार किया कि सरकार लोकसभा में विश्वास प्रस्ताव ला रही है । उन्होंने कहा कि सरकार को संसद और जनता का बहुमत प्राप्त है ।
उन्होंने कहा हमारे लिये विश्वास मत हासिल करने का कोई कारण नहीं बनता है । सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने भी संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया । उन्होंने संसद को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किये जाने की संभावना से इंकार किया ।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार का ऐसा कोई विचार नहीं है । संसद का यह सत्र सात सितम्बर तक चलेगा । चिदम्बरम ने दोनों सदनों के विपक्ष के नेताओं से कहा कि चर्चा की सबसे अच्छी जगह संसद है जहां सरकार और प्रधानमंत्री जवाब देंगे । बिना चर्चा के बीत रहा प्रत्येक दिन लोकतंत्र पर तमाचा है । दलाली खाने के आरोपों पर वित्त मंत्री ने कहा कि सभ्य चर्चा में ऐसे शब्दों से बचा जाना चाहिए । अगर आप संप्रग सरकार पर ‘मोटा माल’ खाने का आरोप लगा सकते हैं तो उन आवंटनों के बारे में क्या कहेंगे जो मई 1998 और मई 2004 के बीच किये गये जब राजग की सरकार थी । उन्हें इस तरह के चलताउ आरोप लगाने से बचना चाहिए ।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का बयान पूरी तरह से स्पष्ट है और यह बयान अध्ययन किये जाने के लायक है । दुर्भाग्य की बात है कि विपक्ष के नेताओं ने संसद में इस पर चर्चा से इंकार कर दिया है ।
यह पूछे जाने पर संसद का गतिरोध कब तक चलेगा उन्होंने कहा कि सरकार संसद को हर दिन रिपोर्ट करेगी और चर्चा में हिस्सा लेने का प्रयास करेगी । (एजेंसी)
First Published: Monday, August 27, 2012, 19:44