Last Updated: Saturday, August 18, 2012, 22:58

बेंगलूर/चेन्नई/पुणे: हमले के डर से पूर्वोत्तर के लोगों के कर्नाटक से अपने राज्यों की ओर पलायन में आज कमी आयी लेकिन चेन्नई और पुणे से जाने वाले ऐसे लोगों में आज तीसरे दिन भी कोई कमी नहीं आयी। बेंगलूर में रेलवे अधिकारियों ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकारों के आश्वासनों के बाद शहर छोड़कर जाने की इच्छुक लोगों की संख्या घटी है। दूसरी बात यह भी है कि शहर में त्वरित कार्य बल की छह कंपनियां तैनात की गयी हैं। पिछले तीन दिनों यहां से पूर्वोत्तर के करीब 30 हजार लोग जा चुके हैं।
चेन्नई से आज तीसरे दिन भी पूर्वोत्तर के लोगों का पलायन जारी रहा। सैकड़ों लोग रेलवे स्टेशन पहुंचे और अपने गृहराज्यों के लिए रवाना हुए। पुणे रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में सहमे हुए पूर्वोत्तर निवासी टिकट की खिड़कियों पर नजर आए। वे अपने गृहराज्य जाने के लिए बेताब थे।
केंद्र ने आज कहा कि राज्य सरकारें इन लोगों को पयाप्त सुरक्षा दे रही हैं और खबरों को झूठा और मनगढंत करार दिया। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी नारायणसामी ने संवाददाताओं से कहा, राज्य सरकारों द्वारा सुरक्षा उपलब्ध करायी जा रही है। कुछ बदमाश, अवांछित तत्व और असामाजिक तत्व यह अफवाह फैला रहे हैं कि दक्षिण भारत में पूर्वोत्तर के लोगों के लिए कोई सुरक्षा नहीं है। यह बिल्कुल निराधार है। ये लोगों में दशहत पैदा करने के लिए झूठी और मनगढंत बातें हैं। बेंगलूर में अधिकारियों ने बताया कि शहर के जिन क्षेत्रों में पूर्वोत्त्तर के राज्यों की अच्छी खासी तादाद है, वहां पुलिस गश्त बढ़ा दी गयी है।
पिछले कुछ दिनों के विपरीत आज कोई विशेष ट्रेन की घोषणा नहीं की गयी। शहर के रेलवे स्टेशन पर पूर्वोत्तर के 100 से कुछ ज्यादा लोग अपने गृहराज्यों के लिए बाट जोहते नजर आए। उन्हें असम हिंसा के बदले में यहां प्रतिहिंसा का डर है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, टिकटों की बिक्री के आधार पर हम विशेष ट्रेनों का इंतजाम करते हैं। फिलहाल टिकटों की बिक्री धीमी है। उन्होंने बताया जब एक दिन में टिकटों की बिक्री 25 सौ को पार कर जाती है तो विशेष ट्रेनों का प्रबंध किया जाता है।
पलायन के आलोक में कड़ी कार्रवाई करते हुए बेंगलूर पुलिस ने कल छह व्यक्तियों को पूर्वोत्तर के लोगों पर हमला, उन्हें धमकाने और झूठे एसएमएस भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया। तमिलनाडु पुलिस ने कहा है कि राज्य में पूर्वोत्तर के लोगों के खिलाफ कभी कोई हिंसक घटना नहीं हुई लेकिन अन्य राज्यों से घटनाओं की खबरें और अफवाहों से पूर्वोत्तर में लोग परेशान हैं और वे चाहते हैं कि उनके सगे संबंधी वापस आ जाएं।
पूर्वोत्तर के एक छात्र ने कहा, यहां के महाविद्यालयों में बहुत से छात्र पूर्वोत्तर के हैं जो या तो छात्रावासों रहते हैं या समूहों में रहते हैं। अतएव उनमें से कई यहां से जाने की जरूरत महसूस नहीं करते। पुणे में प्रशासन, सामाजिक संगठनों और सहायता समूहों ने असम और मणिपुर के छात्रों और कामगारों के मन से भय निकालने के लिए काफी प्रयास किया है लेकिन उसके बाद भी उनमें से कई अपने गृह राज्य के लिए रवाना हो गए। उनका कहना है कि जब स्थिति सामान्य हो जाएगी तब वे लौट आयेंगे। दरअसल शहर के कोंढवा, हदापसार और छावनी क्षेत्रों में पिछले चार दिनों के हमले से वे खौफजदा हैं।
पुणे रेलवे स्टेशन पर पूर्वोत्तर के एक छात्र ने कहा, हम वापस जा रहे हैं क्योंकि हमारे माता-पिता परेशान हैं। फिलहाल मैं इंफाल के अपने नौ दोस्तों के साथ यहां से जा रहा हूं। पुलिस का मानना है कि तोड़ मरोड़ कर पेश किए गए एमएमएस और एसएमएस इन हमले के पीछे की मुख्य वजह है। शहर में 12 अगस्त से पूर्वोत्तर के 15 लोगों को निशाना बनाया गया है।
पुलिस के अनुसार गिरफ्तार 13 लोगों में से दो ने कथित रूप से कबूल किया किया कि एमएमएस और एसएमएस में म्यामां ओर असम में हिंसक घटनाओं को दिखाया गया है जिससे उनमें बदले की भावना भर गयी।
फेसबुक, यूट्यूब और गुगल को असम हिंसा से संबंधित कुछ आपत्तिजनक सामग्री हटाने के लिए कहा गया है तथा इसी के साथ पुण पुलिस ने ‘अज्ञात व्यक्तियों’ के खिलाफ आईटी कानून के तहत मामला दर्ज किया है तथा उन पर आक्रामक, झूठा एवं धमकाने वाला संदेश भेजने के लिए सोशल नेटवर्किंग साइटों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है।
कर्नाटक के राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने पूर्वोत्तर के लोगों के राज्य से पलायन रोकने के लिए उनके बीच विश्वास बहाल करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर संतोष जताया और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने एक कार्यक्रम के अवसर पर कहा, मैं पूर्वोत्तर के लोगों से शहर छोड़कर नहीं जाने की अपील करता हूं। सरकार ने राज्य में इस समुदाय की सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं। सरकार को पलायन की मूल वजह का पता लगाना चाहिए तथा जो शरारती लोग यह अफवाह फैला रहे हैं कि पूर्वोत्तर के लोगों पर हमला होगा, उन पर मामला दर्ज किया जाए।
इसी बीच इसी सिलसिले में अरूणाचल प्रदेश के सासंद टी संजय ने राज्य के गृहमंत्री आर अशोक से भेंट की। वड़ोदरा से प्राप्त समाचार के मुताबिक गुजरात सरकार ने आज कहा कि राज्य से पूर्वोत्तर के लोगों का कोई पलायन नहीं हुआ है और उसने अफवाह फैलाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।
प्रधान सचिव (गृह) सुदीप कुमार नंदा ने कहा कि गुजरात में रह रहे पूर्वोत्तर के लोगों का कोई पलायन नहीं हुआ है। उन्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि उनकी सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं।
इसी बीच गुवाहाटी और रांगिया से प्राप्त समाचारों के मुताबिक आज सुबह दो विशेष ट्रेनों से करीब 1700 लोग असम पहुंचे और उनका कहना है कि लौटने का उनका फैसले के पीछे सीधा खतरे के बजाय अफवाह है। रांगिया स्टेशन पर ट्रेन से उतरने के बाद निरंजन मुशहारी ने कहा, किसी ने मुझे धमकी नहीं दी और न ही मैं अपने ऐसे किसी परिचित को जानता हूं जिसे शहर छोड़ने की धमकी दी गयी। लेकिन काफी अफवाह है और सुनी सुनाई बाते हैं। निरंजन बेंगलूर में एक निजी कंपनी में काम करते थे। रांगिया स्टेशन पर करीब 600 लोग पहुंचे जबकि शेष गुवाहाटी पहुंचे।
गोरेश्वर निवासी रमेन नरजरी ने कहा कि असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के लोग इस खबर से दशहत में हैं कि ईद के बाद बड़े पैमाने पर उन्हें निशाना बनाया जाएगा। बेंगलूर में सुरक्षागार्ड की नौकरी करने वाले रमेन ने कहा, मेरे परिवार के लोग ने मुझे, कुछ समय के लिए ही सही, लेकिन लौट आने को कहा। कामरूप (ग्रामीण) जिला प्रशासन ने अन्य राज्यों से लौटे लोगों के लिए रांगिया रेलवे स्टेशन से उनके घरों तक के लिए सुरक्षा और परिवहन की व्यवस्था की है। ऑल बोडो स्टूडेंट यूनियन के जिला अध्यक्ष परेश चंद्र इन लोगों की आगवानी के लिए स्टेशन पर मौजूद थे।
गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के पहुंचने पर भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गयी। चेन्नई में काम करने वाले विश्वजीत शहरिया ने कहा कि उनके ट्रेन पकड़ने तक पूर्वोत्तर के किसी भी व्यक्ति के साथ कोई घटना नहीं हुई।
उन्होंने कहा, लेकिन पूर्वोत्तर के लोग चिंतित है। वे ऐसी परिस्थिति में कोई जोखिम नहीं लेना चाहते हैं। 10 अगस्त को मुम्बई के आजाद मैदान में हिंसा के बाद अफवाहें से तेजी से फैलने लगी। उसके बाद खबर आयी कि पुणे में पूर्वोत्तर के कुछ छात्रों पर कथित हमला हुआ जिससे दहशत और फैल गयी। गुवाहाटी स्टेशन पर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के कार्यकर्ताओं को वहां लौटने वालों के बीच भोजन के पैकेज वितरित करते हुए और पानी देते हुए देखा गया।
हालांकि लौटकर आए इन लोगों ने आशा जतायी कि स्थिति शीघ्र ही सामान्य होगी और वे दक्षिण और पश्चिम भारत में अपने शिक्षण या कार्यस्थल पर लौट जायेंगे।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने दिल्ली में कहा, बेंगलूर में स्थिति सामान्य हो चली है। हमने (राज्य में रह रहे) पूर्वोत्तर के सभी लोगों को सुरक्षा दी है। वे बेंगलूर में बिल्कुल सुरक्षित हैं। हमने पूर्वोत्तर के लोगों के बीच विश्वास पैदा किया है जो पिछले दस बारह साल से वहां रह रहे हैं।
भाजपा के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे शेट्टार ने कहा, कुछ अफवाहें फैलायी गयीं लेकिन अबतक बेंगलूर में कोई अप्रिय घटना नहीं घटी और कल पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया। हमने जांच शुरू कर दी है और हम दोषियों का पता लगायेंगे और उन्हें दंडित करेंगे। उन्होंने आशा जतायी कि जो लोग अफवाहों के चलते बेंगलूर से चले गए वे शीघ्र ही लौट आएंगे।
इसी बीच दिल्ली में पूर्वोत्तर क्षेत्र के पत्रकारों के संगठन नार्थ ईस्ट मीडिया (एनईएमएफ) फोरम ने केंद्र और राज्य सरकारों से इस बात का कड़ा संदेश देने को कहा कि वे पूर्वोत्तर के लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए कटिबद्ध है।
एनईएमएफ महासचिव कल्याण बरूआ ने एक बयान में कहा, सरकार ऐसे खौफजदा असहाय लोगों को सभी तरह की सुरक्षा प्रदान करे। हैदराबाद से प्राप्त समाचार के मुताबिक दक्षिण मध्य रेलवे ने अपने गृहराज्यों को लौट रहे पूर्वोत्तर के लोगों के लिए विशेष प्रावधान किए हैं। रेलवे ने एक विज्ञप्ति में कहा कि कोलकाता और गुवाहाटी जाने वाली ट्रेनों में अतिरिक्त डिब्बे जोड़े जा रहे हैं।
बेंगलूर में पूर्वोत्तर राज्य के लोगों पर हमले को लेकर अफवाह फैलाने के लिए आज तीन और लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके साथ ही इस संबंध में हिरासत में लिये गए लोगों की संख्या 16 हो गई है। पुलिस आयुक्त ज्योतिप्रकाश मिरजी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि अनीश पाशा, तसीन नवाज और शाहिद सलमान को ईमेल और एसएमएस के जरिये अफवाह फैलाने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) के तहत गिरफ्तार किया गया है।
मिरजी ने बताया कि पुलिस ने उनके कब्जे से चार मोबाइल फोन, दो कम्प्यूटर और एक लैपटॉप बरामद किया है। अफवाह फैलाने के मामले में अभी तक 15 मामले दर्ज किये गए हैं जिसके चलते गत तीन दिन के दौरान शहर से पूर्वोत्तर के 28 हजार लोगों का पलायन हो चुका है। उन्होंने बताया आने वाले कुछ दिनों में और गिरफ्तारियां की जाएंगी। (एजेंसी)
First Published: Saturday, August 18, 2012, 19:05