Last Updated: Thursday, July 26, 2012, 21:31
बेंगलुरु: बेंगलूर की एक त्वरित अदालत ने चार साल की अपनी बेटी का बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार फ्रांसीसी दूतावास के अधिकारी पास्कल मजूरियर का जमानत आवेदन आज खारिज कर दिया। प्रथम त्वरित अदालत के न्यायाधीश जीआर पाटिल ने कहा कि मजूरियर के खिलाफ प्रत्यक्ष सबूत है और वह है- उसकी बीवी तथा पीड़िता की मां सूजा जोंस तथा नौकरानी का बयान।
अदालत ने कहा कि वैज्ञानिक जांच अधूरी होने के बाद भी पीड़िता का बयान तथा अबतक संग्रहित सबूत जमानत आवेदन के खिलाफ जाते हैं। अदालत ने कहा कि प्रत्यक्ष सबूत होने की स्थिति में डीएनए रिपोर्ट स्वीकार करना मुश्किल है जो अबतक अधूरी है।
फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की डीएनए रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता के फ्रॉक और अंर्तवस्त्र से मिले दाग का आरोपी के डीएनए सैम्पल से मिलान हो गया था लेकिन बच्ची के स्राव का आरोपी के स्राव से मिलान नहीं हो पाया था। जांच अधिकारी ने एफएसएल से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है और उसने अबतक यह नहीं दिया है।
जमानत आवेदन खारिज करने के दौरान अदालत ने यह भी ध्यान में रखा कि बच्ची नाबालिग है जिससे यह मामला संवेदनशील बन जाता है। मजूरियर न्यायिक हिरासत में हैं। (एजेंसी)
First Published: Thursday, July 26, 2012, 21:31