Last Updated: Saturday, October 13, 2012, 14:21

पुणे : ब्राजील के सिल्वियो डा सिल्वा के गांधी प्रेम ने इन्हें भारत की ओर खींचा और इस यात्रा को यादगार बनाने के लिए उन्होंने भारत का सफर साइकिल से करने का फैसला कर लिया। फिलहाल पुणे में मौजूद सिल्वियो अब तक भारत के 18 राज्यों से होकर दस हजार किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी तय कर चुके हैं। वे भारत को विविधतापूर्ण संस्कृति वाली एक अद्वितीय मंजिल कहते हैं।
ब्राजील में इतिहास और दर्शन पढ़ाने वाले 59 वर्षीय सिल्वियो गांधी के विचारों से काफी प्रभावित रहे हैं। उनके मन में भारत की यात्रा करके ऐसे देश को महसूस करने की इच्छा थी जिसने दुनिया को सत्य और अहिंसा के उच्च आदर्श दिए और बीसवीं सदी में साम्राज्यवादी ताकतों को हिलाकर रख दिया। सिल्वियो की यह यात्रा ब्राजील के एक रेडियो स्टेशन समेत वहां की तीन अन्य कंपनियों से प्रायोजित है। सिल्वियो ने अपनी इस यात्रा को 27 जून को शुरू की थी। वे हिमाचल प्रदेश, उत्तरप्रदेश, गुजरात, केरल, ओडिशा और अन्य भारतीय राज्यों की यात्रा कर चुके हैं।
सिल्वियो सिर्फ पुर्तगाली बोलना ही जानते हैं। लोगों से बातचीत में आने वाली परेशानी के बारे में वह कहते हैं, मैंने इशारों और हावभाव का इस्तेमाल शुरू किया। धीरे-धीरे मैंने रास्ते में मिलने वाले मित्रवत और ईमानदार लोगों से बातचीत करने और उनसे रास्ता पूछने के लिए कुछ अंग्रेजी के अक्षरों का इस्तेमाल भी शुरू कर दिया। शुरूआत में अपनी साइकिल खड़ी करने के बारे में चिंतित रहे सिल्वियो कहते हैं कि धीरे-धीरे उन्होंने यह विश्वास बना लिया कि कोई उसे चुराने वाला नहीं है।
सिल्वियो ने कहा, मैंने साइकिल को गंगा से कुछ दूरी पर अपने सामान के साथ खड़ा करके उसमें डुबकी भी लगाई थी। गांधी के सबसे प्रभावी गुण के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, इतिहास का अध्यापक होने के नाते मुझे लगता है कि उस व्यक्ति की महानता ने मानवता की सेवा की और आज भी एक उदाहरण बनकर यह काम कर रही है। उनके अहिंसा के सिद्धांत ने हथियारों से लैस शासकों और तानाशाहों को भी हरा दिया। इस उम्र में भी उर्जा से भरपूर सिल्वियो ने कहा कि इस साइकिल यात्रा के बाद वह मोटरबाइक पर भारत यात्रा का अनुभव दोहराना चाहेंगे। (एजेंसी)
First Published: Saturday, October 13, 2012, 14:20