Last Updated: Monday, March 5, 2012, 12:22
नई दिल्ली : यहां होने वाले पांच उभरती अर्थव्यस्थाओं के ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन व दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन से पहले सोमवार को भारत ने कहा कि बड़ी अर्थव्यवस्था वाले पांच देशों का समूह किसी के खिलाफ प्रतिस्पर्धा में नहीं है, लेकिन यह 'एक जवाबदेह अंतर्राष्ट्रीय समूह है' जो वैश्विक शासन प्रणाली को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
विदेश मंत्रालय में सचिव (आर्थिक मामले) सुधीर व्यास ने कहा कि हम कोई गुट नहीं हैं और न ही वैचारिक समूह हैं जिसका किसी के खिलाफ प्रतिस्पर्धा हो।" उन्होंने यह बात ब्रिक्स देशों के शिक्षाविदों और विशेषज्ञों के दो दिवसीय सम्मेलन के शुभारम्भ अवसर पर कही। व्यास ने यह टिप्पणी तब की, जब पश्चिम में कुछ प्रभावशाली गुटों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ब्रिक्स किसी विरोधात्मक समूह का रूप ले सकता है और प्रमुख बहुपक्षीय संस्थानों पर पश्चिम के आधिपत्य को चुनौती दे सकता है।
उल्लेखनीय है कि नई दिल्ली के एक संगठन ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की मेजबानी में आयोजित ब्रिक्स शैक्षिक मंच के इस चौथे सम्मेलन में पांच ब्रिक्स देशों के 50 से अधिक विद्वान हिस्सा ले रहे हैं। इस शैक्षिक मंच के तहत विचारों और प्रस्तावों पर एक रूपरेखा तय करने की कोशिश की जाएगी जिस पर 29 मार्च को होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में चर्चा की जाएगी।
ज्ञात हो कि भारत ब्रिक्स सम्मेलन की मेजबानी पहली बार करेगा। सम्मेलन की पहली बैठक रूस के येकतेरिनबर्ग में वर्ष 2009 में हुई थी। नई दिल्ली में आयोजित हो रहे सम्मेलन का मूल विषय 'स्थिरता, सुरक्षा और विकास के लिए ब्रिक्स भागीदारी' रखा गया है।
ब्रिक्स के चौथे सम्मेलन में गहराती वैश्विक मंदी से निपटने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही वैश्विक प्रशासन के ढांचे में सुधार के लिए नए सिरे से विचार किया जाएगा।
(एजेंसी)
First Published: Monday, March 5, 2012, 20:53