भतीजे की टिप्पणियों पर क्यों नहीं बोल रहे हैं शरद पवार: शिवसेना

भतीजे की टिप्पणियों पर क्यों नहीं बोल रहे हैं शरद पवार: शिवसेना

मुंबई : शिवसेना ने आज सवाल किया कि राकांपा के प्रमुख शरद पवार महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार की सूखे और बिजली कटौती के बारे में की गयी विवादास्पद टिप्पणी पर कुछ क्यों नहीं बोल रहे हैं। पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में आज कहा गया, ‘‘शरद पवार कहां हैं.जब उनके भतीजे ने महाराष्ट्र की संस्कृति को नुकसान पहुंचाया तो पवार वास्तव में क्या कर रहे थे। बारामती तक के लोग यह सवाल पूछ रहे हैं।’’ संपादकीय में कहा गया कि केन्द्रीय कृषि मंत्री, आम तौर पर एक सलाहकार एवं मार्गनिर्देशक के रूप में काम करते हैं और कई बार गलती करने वाले आदमी को फटकार भी लगाते हैं।

अखबार के अनुसार, ‘‘सूखा प्रभावित लोगों को राहत देने की बजाय अजीत पवार ने इस तरह की मूखर्तापूर्ण टिप्पणी की है।’’ संपादकीय में कहा गया कि अजीत पवार के खिलाफ ‘‘महाराष्ट्र द्रोह’’ का मामला दर्ज होना चाहिए और उन्हें मंत्रिमंडल से बख्रास्त कर दिया जाना चाहिए। लेकिन इसकी बजाय उन्होंने एक ‘‘कागजी माफीनामा’’ पढ़ दिया तथा शरद पवार ने भी माइक्रोब्लागिंग साइट ट्विटर का इस्तेमाल कर लोगों से माफी मांग ली। इसमें सवाल किया गया, ‘‘पवार ने अपने विचार व्यक्त करने के लिए ट्विटर की मदद लेना कबसे शुरू कर दिया।’’

शिवसेना के दिवंगत प्रमुख बाल ठाकरे द्वारा किसानों के लिए किये गये काम का जिक्र करते हुए सामना के संपादकीय में कहा गया कि राकांपा प्रमुख उन पर व्यंग्य करते थे। बहरहाल अब वह (पवार) अपने भतीजे एवं उप मुख्यमंत्री द्वारा की गयी टिप्पणियों पर चुप हैं। संपादकीय में कहा गया, ‘‘ पवार ने न तो अपने भतीजे को दंडित किया और न ही मंत्रालय से हटाकर उन्हें घर का रास्ता दिखाया।’’ इसमें आरोप लगाया गया कि यदि कोई और नेता होता तो न केवल शरद पवार बल्कि राज्य के गृह मंत्री आर आर पाटिल एवं लोक निर्माण मंत्री छगन भुजबल भी उस नेता पर हमला बोल देते।

अजीत पवार ने गत शनिवार को पुणे के इंद्रपुर गांव में एक असंवेदनशील टिप्पणी में कहा, ‘‘यदि बांध में पानी नहीं है..तो क्या हम पेशाब कर दें।’’ इस टिप्पणी के बाद विवाद छिड़ गया क्योंकि राज्य भीषण सूखे के दौर से गुजर रहा है। राकांपा नेता ने इसके बाद बिजली कटौती का मजाक बनाते हुए एक अन्य टिप्पणी की थी, ‘‘मैंने महसूस किया कि रात में बिजली जाने के बाद से ज्यादा बच्चे पैदा हो रहे हैं। उसके बाद कोई और काम नहीं बचता है।’’ (एजेंसी)

First Published: Wednesday, April 10, 2013, 16:43

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