Last Updated: Friday, June 22, 2012, 20:53

पटना : राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में प्रणव मुखर्जी को समर्थन करने वाले जदयू ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा को पीए संगमा को समर्थन देने के निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए और संप्रग के उम्मीदवार को समर्थन करना चाहिए।
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने कहा कि हमें अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की सीख देने के बदले भाजपा को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। भाजपा हमें सुझाव दे रही इसके बदले उसे संगमा को समर्थन देने के अपने फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रणब मुखर्जी को काफी अनुभव है और सार्वजनिक जीवन में उन्होंने काफी योगदान किया है, जिसे देखते हुए संप्रग के उम्मीदवार को समर्थन किया जाना चाहिए। तिवारी ने कहा कि मुखर्जी का व्यक्तित्व सार्वजनिक है और उनका कद बहुत ऊंचा है, इसलिए भाजपा को प्रणब का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महंगाई के लिए और कालेधन के लिए भाजपा प्रणब को पूरी तरह जिम्मेदार ठहरा रही है जबकि प्रणब मुखर्जी देश की आर्थिक स्थिति की बदहाली के लिए जिम्मेदार नहीं है इसके पीछे कई सारे कारण हैं। इसके लिए वैश्विक आर्थिक परिस्थिति भी जिम्मेदार है।
तिवारी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ जुडी हुई है। न्यूयार्क स्टाक एक्सचेंज में थोडी भी गिरावट के कारण उसका प्रतिकूल प्रभाव विश्व के साथ साथ भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ता है। उन्होंने कहा कि वैश्विक परिस्थितियों के कारण वैश्विक आर्थिक मंदी, महंगाई और भारतीय अर्थव्यवस्था के अन्य संकट उभरे हैं, इसके लिए भारत के वित्तमंत्री जिम्मेदार नहीं है। जदयू सांसद ने कहा कि विदेशों में भारतीय वस्तुओं को खरीदने के लिए विदेशों में खरीददार नहीं है। भारत का निर्यात प्रभावित हुआ है, लेकिन आयात पर कोई विशेष प्रभाव नहीं है। भाजपा नीत राजग जब सत्ता में था तो उसने आर्थिक सुधार के कार्यक्रम और उदारीकरण को आगे बढाया। भाजपा को नहीं भूलना चाहिए कि सत्ता में आने के बाद उसने अपना स्वदेशी के एजेंडा के बदले 1990 के दशक में कांग्रेस द्वारा शुरू किया गया आर्थिक उदारीकरण का एजेंडा जारी रखा। (एजेंसी)
First Published: Friday, June 22, 2012, 20:53