Last Updated: Thursday, November 24, 2011, 14:33
नई दिल्ली : भाजपा ने कहा है कि वह रिटेल क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) लाने के खिलाफ है और जरूरत पड़ने पर संसद के अंदर और बाहर इस मुद्दे पर विरोध दर्ज कराएगी। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मल्टीब्रांड रिटेल क्षेत्र में एफडीआई लाने का सरकार का कदम देश में रोजगार और उत्पादन पर नकारात्मक असर डालेगा।
उन्होंने विपक्ष से परामर्श किए बिना इस बाबत कैबिनेट नोट जारी किए जाने पर सरकार की निंदा करते हुए कहा कि अगर सरकार ने विपक्ष से इस विषय पर चर्चा की होती तो उचित होता। जेटली ने लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज के साथ जारी संयुक्त वक्तव्य में कहा कि भारत की जीडीपी में 58 प्रतिशत योगदान सेवा क्षेत्र (सर्विस सेक्टर) का है जिसके बड़े हिस्से में भारत की रिटेल श्रृंखला भी आती है।
जेटली ने कहा कि भारत की जनसंख्या का अधिकतर हिस्सा स्वरोजगार पर आधारित है और एफडीआई से घरेलू खुदरा क्षेत्र पर नकारात्मक असर पड़ेगा जो विकास कर रहा है। उन्होंने दलील दी कि खुदरा बाजार के बिखरे होने से उपभोक्ता के पास अधिक अवसर होते हैं लेकिन मल्टीब्रांड रिटेल में एफडीआई लाने से कुछ बड़े खिलाड़ियों के हाथ में बाजार होगा और ऐसी स्थिति में 2.3 दशक बाद तो आम उपभोक्ता के पास पसंद के विकल्प ही नहीं होंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार चीन का उदाहरण दे रही है जो गलत है क्योंकि चीन स्वयं बड़ी निर्माण आधारित अर्थव्यवस्था है जबकि भारत को यह लाभ नहीं मिल सकता। हालांकि भाजपा नेता ने स्पष्ट किया कि भाजपा प्रत्येक क्षेत्र में एफडीआई के विरोध में नहीं है और विमानन क्षेत्र में 26 प्रतिशत एफडीआई की खबरों पर उन्होंने कहा कि पार्टी विचार करके बाद में अपना रुख स्पष्ट करेगी। उन्होंने एक सवाल पर यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर भाजपा संसद के अंदर और बाहर इस मुद्दे पर अपनी बात रखेगी।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, November 24, 2011, 20:03