Last Updated: Tuesday, January 10, 2012, 12:49
नई दिल्ली : विवादास्पद लेखक सलमान रुश्दी ने विख्यात इस्लामी मदरसे दारूल उलूम देवबंद द्वारा उनकी भारत यात्रा के विरोध को दरकिनार करते हुए कहा कि उन्हें यहां आने के लिए किसी वीजा की जरूरत नहीं है। वहीं, केंद्र सरकार की ओर से विवादास्पद लेखक सलमान रुश्दी को भारत यात्रा पर आने से रोकने की संभावना नहीं है क्योंकि उनके पास भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) का कार्ड है, जिसके आधार पर वह बिना वीजा यहां आ सकते हैं ।
रुश्दी ने माइक्रोब्लांगिंग साइट ट्विटर पर लिखा है, ‘रिकार्ड के लिए मैं बताना चाहूंगा कि मेरी भारत यात्रा के लिए मुझे वीजा की जरूरत नहीं है।’ उनकी यात्रा का विरोध करते हुए संस्था ने कहा था कि भारत सरकार को उनका वीजा रद्द कर देना चाहिए क्योंकि उन्होंेने विगत में मुस्लिमों की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाई है।
भारतीय मूल के रुश्दी के पास ब्रिटिश पासपोर्ट है और वह पीआईओ (भारतीय मूल का व्यक्ति) कार्डधारक हैं। उनका इस महीने के अंत में जयपुर में आयोजित साहित्य सम्मान में शामिल होने का कार्यक्रम है। रुश्दी (65) अपने उपन्यास ‘द सैटिनक वर्सेज’ को लेकर 1988 मे विवादों में आए थे और भारत ने इस किताब पर प्रतिबंध लगा दिया था। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खुमैनी ने लेखक के खिलाफ मौत का फतवा जारी किया था।
जयपुर साहित्य समारोह का आयोजन कर रहे टीमवर्क्स प्रोडक्शंस के प्रबंध निदेशक संजय राय ने कहा कि जयपुर समारोह जैसा साहित्यिक मंच भारत की बेहतरीन लोकतांत्रिक परंपराओं में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि सलमान रशदी पिछले कुछ वषो’ में भारत में कई साहित्यिक कार्यक्रमों में बिना किसी बाधा के शामिल होते रहे हैं।
केंद्र सरकार की ओर से विवादास्पद लेखक सलमान रुश्दी को भारत यात्रा पर आने से रोकने की संभावना नहीं है क्योंकि उनके पास भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) का कार्ड है, जिसके आधार पर वह बिना वीजा यहां आ सकते हैं । सरकारी सूत्रों ने बताया कि पीआईओ कार्ड चूंकि भारतीय मूल के किसी व्यक्ति को बिना बाधा और बिना किसी दस्तावेज के भारत यात्रा का अधिकार देता है इसलिए रुश्दी को भारत सरकार से किसी तरह का कोई वीजा आवेदन करने की जरूरत नहीं है । रश्दी को जयपुर साहित्य महोत्सव में शिरकत करनी है जो इस महीने के अंत में हो रहा है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 11, 2012, 13:25