भारत-आफगानिस्तान के बीच सामरिक करार - Zee News हिंदी

भारत-आफगानिस्तान के बीच सामरिक करार

नई दिल्ली: व्यापार एवं सुरक्षा समेत रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग को नई तेजी प्रदान करते हुए भारत और अफगानिस्तान ने मंगलवार को एक साझेदारी समझौता किया.

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आतंकवाद समेत विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की . इसके बाद मनमोहन सिंह ने कहा कि अफगानिस्तान की जनता शांति के साथ रहना चाहती है और बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप, जबर्दस्ती और धमकी के अपना भविष्य स्वयं तय करना चाहती है.

सुरक्षा सहयोग के अलावा दोनों नेता इस बात पर भी सहमत थे कि भारतीय अर्थव्यवस्था और दक्षिण एशिया के साथ अफगानिस्तान का आर्थिक एकीकरण अफगान जनता के राष्ट्रहित में है और इसे हासिल करने का एक तरीका यह है कि घनिष्ठ व्यापार, निवेश एवं पारगमन संपर्क को बढ़ाया जाए.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सघन विचार विमर्श और चर्चा के आधार पर हमने एक रणनीतिक साझेदारी पर समझौते को अंतिम रूप दिया. यह समझौता राजनीतिक एवं सुरक्षा सहयोग, व्यापार और आर्थिक सहयोग, क्षमता निर्माण एवं शिक्षा, सामाजिक, सांस्कृतिक, नागरिक समाज एवं जन संपर्क संबंधों में हमारे भावी सहयोग के लिए संस्थानात्मक ढांचा तैयार करता है. दोनों पक्षों ने खनिज उत्खनन एवं हाइड्रोकार्बन के विकास के क्षेत्र में दो समझौते किए.

इस दस्तावेज में कहा गया है कि दोनों पक्षों के बीच यह रणनीतिक साझेदारी देशों की संप्रभुता, समानता और क्षेत्रीय अखंडता, एक दूसरे के आतंरिक मामलों में गैर हस्तक्षेप, परस्पर सम्मान और लाभ के सिद्धांतों पर आधारित है और यह किसी भी देश या देशों के समूह के खिलाफ नहीं है.

भारत को अफगानिस्तान का वफादार दोस्त के रूप में सराहते हुए करजई ने कहा कि भारत उनके देश को कभी आतंकवाद और हिंसा के रूप में नहीं देखता बल्कि अपने पड़ोसियों के साथ शांति के साथ रहने का प्रयास करने वाले देश के रूप में देखता है.

सिंह ने कहा कि करजई के साथ उनकी चर्चा में एक बार फिर भारत और अफगानिस्तान के बीच मजबूत और व्यापक आधार वाली साझेदारी को रेखांकित हुई है और ‘‘हमारा अफगानस्तिान के साथ सहयोग एक खुली किताब है. हमारी सभ्यताएं एक दूसरे से जुड़ी रही हैं और हमारा साथ बना रहेगा. चाहे अच्छे समय हो या बुरे, हमें साथ रहना है और काम करना है.’’

दोनों ही नेताओं ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ हमारे निश्चय को मजबूत करने का अवसर होना चाहिए.

First Published: Wednesday, October 5, 2011, 10:15

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