Last Updated: Monday, February 20, 2012, 12:29
नई दिल्ली : भारत दूसरे चरण के परमाणु कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए अगले साल की शुरुआत में अपनी तरह का पहला ‘प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर’ (पीएफबीआर) शुरू करना चाहता है। तमिलनाडु के कलपक्कम स्थित इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (आईजीसीआर) द्वारा विकसित किए जा रहे 500 मेगावाट के रिएक्टर में यूरेनियम और प्लूटोनियम के मिश्रण का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे महत्वपूर्ण रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले प्रति टन ईंधन के हिसाब से बिजली पैदा करने की क्षमता बढ़ जाती है।
देश में ही विकसित पीएफबीआर राज्य सरकार के मालिकाना हक वाले भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम के तत्वावधान में निर्माण के अग्रिम चरण में है। आईजीसीएआर निदेशक एससी चेतल यहां बताया कि निर्माण सितंबर तक पूरा हो जाएगा और दिसंबर तक ईंधन कम कर दिया जाएगा। हम 2013 की शुरुआत में इसके शुरू होने की उम्मीद करते हैं।
इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी अनूठी है और भारतीय पीएफबीआर इस तरह का शुरू होने वाला पहला परमाणु संयंत्र होगा। कोरिया सहित कुछ अन्य देश फास्ट ब्रीडर रिएक्टर विकसित कर रहे हैं, लेकिन उनके रिएक्टर 2025 में शुरू हो पाएंगे। भारत की योजना है कि 2020 तक 500 मेगावाट की क्षमता वाले कम से कम पांच और फास्ट ब्रीडर रिएक्टर स्थापित किए जाएं। इनमें से दो कलपक्कम में स्थापित किए जा सकते हैं।
(एजेंसी)
First Published: Monday, February 20, 2012, 20:59