Last Updated: Monday, October 1, 2012, 15:18
नई दिल्ली : दुनिया के सुपर पावर क्लब में जगह बनाने की महत्वाकांक्षा रखने वाले भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा उन लोगों का है जिन्हें जरूरत से कम पौष्टिक आहार मिलता है। एक अहम रिपोर्ट में यह कहा गया है।
वैश्विक खाद्य सुरक्षा सूचकांक (जीएफएसआई) रिपोर्ट में यह कहा गया है कि अल्पपोषित श्रेणी में आने वाले भारतीयों को न्यूनतम ऊर्जा जरूरत (कैलोरी) से औसतन 240 कैलोरी कम ऊर्जा मिलती है। इस मामले में भारत की स्थिति बांग्लादेश, पाकिस्तान और श्रीलंका से तो बेहतर है, पर उसके आर्थिक कद के लिहाज से आशावादी नहीं है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की 19 फीसदी आबादी अपनी न्यूनतम कैलोरी आवश्यकता पूरी नहीं कर पाती है। देश में कुल 22.4 करोड़ लोग अल्पपोषित हैं।" दिल्ली में जारी खाद्य सुरक्षा सूचकांक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में रोजाना प्रति व्यक्ति औसतन खाद्य आपूर्ति 2,352 कैलोरी है। खाद्य एवं कृषि संगठन (फाओ) के मुताबिक एक व्यक्ति को रोजाना औसतन 1,780 कैलोरी का आहार चाहिए।
रिपोर्ट के अनुसार भारत में कुल पारिवारिक खर्च में खाद्य खपत की भागीदारी औसतन 49.5 फीसदी है, वहीं दक्षिण एशिया में यह औसत भागीदारी 52.3 फीसदी है, जबकि उच्च आय वाले देशों में यह महज 20 फीसदी है। इस रिपोर्ट में खाद्य सुरक्षा सूचकांक में भारत 66वें पायदान पर है। रिपोर्ट मंं कहा गया है कि कृषि आयातों पर उच्च शुल्क के कारण खाद्य की उपलब्धता एवं खरीदारी प्रभावित होती रही है।
कुल पारिवारिक खर्च में खाद्य खपत की भागीदार के मामले में भारत 76वें पायदान पर है, वहीं वैश्विक गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली आबादी के मामले में भारत को सूचकांक में 83वें स्थान पर रखा गया है। भारत प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद के मामले में 69वें, कृषि आयात शुल्कों के मामले में 100वें, खाद्य कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के मामले में 31वें और किसानों को वित्त उपलब्धता के मामले में 31वें स्थान पर है। कृषि ढांचागत सुविधाओं की उपलब्धता के मामले में भारत को 44वें स्थान पर रखा गया है। भारतीयों की 38 फीसदी ऊर्जा खपत का स्रोत गैर-स्टार्च उत्पाद हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, October 1, 2012, 15:18