`भारत की समुद्री,आसमानी ताकतों से वाकिफ हैं चीन`

`भारत की समुद्री,आसमानी ताकतों से वाकिफ हैं चीन`

`भारत की समुद्री,आसमानी ताकतों से वाकिफ हैं चीन`हैदराबाद : भारत की समुद्री और नभ क्षमताओं से चीन अच्छी तरह वाकिफ है और वह कुछ संदेह के साथ भारत-अमेरिका संबंधों पर नजर रखे हुए है । यह बात यहां चीन-भारत संबंधों की एक विशेषज्ञ ने कही ।

बीजिंग स्थित कारनेजी-सिंघुआ सेंटर फॉर ग्लोबल पॉलिसी में परमाणु नीति कार्यक्रम एसोसिएट लोरा सालमन ने कहा कि चीन महसूस करता है और मानता है कि भारत काफी आगे बढ़ चुका है और उसके पास समुद्री तथा नभ क्षेत्र में स्वदेशी क्षमताएं हैं । सालमन कल शाम यहां एडमिनिस्ट्रिेटिव स्टाफ कॉलेज ऑफ इंडिया में हैदराबाद स्थित अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजित फ्रैक्चर्ड मिर्स चाइनीज व्यूज ऑफ इंडिया डेटरेंस’ विषय पर अपना व्याख्यान दे रही थीं ।

उन्होंने कहा कि चीनी लोग भारत-अमेरिका संबंधों पर गहराई से नजर रखे हुए है। सालमन ने कहा कि चीन में तर्क दिया जाता है कि अमेरिका के साथ भारत के सबंधों से इसे छोटा (परमाणु) भंडार कायम रखने की अनुमति मिल रही है। चीन-भारत संबंधों की विशेषज्ञ ने कहा कि पिछले एक दशक से (क्लिंटन की यात्रा और भारत से अमेरिकी प्रतिबंध हटने के बाद) भारत-अमेरिका संबंधों पर ध्यान केंद्रित रहा है । दोनों देशों (भारत-अमेरिका) के बीच व्यापक संबंधों के लिए इस तरह की पहल को चीन में कुछ संदेह से देखा जाता रहा है कि इसके पीछे अमेरिका और भारत का इरादा क्या है ।
उन्होंने कहा कि जब भारत के परमाणु प्रतिरोध की बात होती है तो घरेलू माहौल चीन में अधिक गरम हो जाता है। चीनी सूत्रों के एक सर्वेक्षण के अनुसार प्रतिरोध के मामले में भारत की नीति रक्षात्मक से आक्रामक, क्षेत्रीय से वैश्विक और निषेध से नियंत्रण की हो गई है । (एजेंसी)

First Published: Tuesday, April 23, 2013, 17:24

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