Last Updated: Sunday, March 17, 2013, 13:43
नई दिल्ली : भारत में कैथोलिक चर्च को नये पोप फ्रांसिस के कार्यकाल के दौरान ज्यादा प्रतिनिधित्व मिलने की उम्मीद है। पोप बेनेडिक्ट 16वें के इस्तीफे के बाद पिछले हफ्ते चुन गए नये पोप को भारत की यात्रा का निमंत्रण देने की भी संभावना है।
दिल्ली के आर्चबिशप अनिल कोउतो ने बताया, ‘‘ ब्यूनस आयर्स के विनम्र पृष्ठभूमि से आने वाले पोप फ्रांसिस एशियाई, अफ्रीकी और दक्षिण अमेरिकियों को वेटिकन क्यूरिया में चुनने के लिए ज्यादा जोर दिए जाने पर विचार कर सकते हैं । ’’ कोउतो ने कहा, ‘‘ देश में कैथोलिकों को उम्मीद है कि पोप के संबोधन में न्याय और संपत्ति के समान बंटवारे पर ज्यादा जोर होगा , साथ ही उसमें एशिया, दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका के गरीबतम देशों के न्यायसंगत आकांक्षाओं की भी जगह होगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे उम्मीद है कि पोप की मितव्ययिता के आदर्श दुनिया भर के चचरें के आध्यात्मिक नेताओं में फैलेंगे क्योंकि पोप खुद बहुत सादगी भरा जीवन जीते हैं और अक्सर इसपर बोलते रहते हैं। निश्चय ही इसका प्रभाव होगा। ’’ पोप को भारत आमंत्रित करने पर कोउतो ने कहा, ‘‘ हम निश्चय ही पोप को आमंत्रित करने के बारे में चर्चा करेंगे और उसके बाद आमंत्रण स्वीकार करने पर वह फैसला करेंगे। ’’ पैपल के चुनाव में भारत की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है जब पांच कार्डिनल देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 17, 2013, 13:43