'भारत के लिए खतरा नहीं है चीन' - Zee News हिंदी

'भारत के लिए खतरा नहीं है चीन'

 

चेन्नई : रक्षा राज्य मंत्री पल्लम राजू ने आज कहा कि सीमा विवाद के बावजूद चीन भारत के लिए कोई खतरा नहीं पैदा कर रहा है लेकिन देश अपने को पूरी तरह तैयार रख रहा है और उसकी मजबूत प्रतिरोधक मुद्रा है ताकि कोई भी विरोधी उसे हल्के में न न ले।

 

उन्होंने यहां कहा, मैं सोचता हूं कि यह (चीन) खतरा नहीं है। चीन हमारा पड़ोसी देश है और उसके साथ हमारी स्वस्थ आर्थिक साझेदारी है। वाकई में, सीमा पर अपनी धारणाओं को लेकर हमारे बीच मतभेद है लेकिल हम उसे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बहुत उच्च स्तरीय बैठक में इन चीजों को सुलझाने में लगे हैं। राजू संवाददाताओं के इस प्रश्न का उत्तर दे रहे थे कि क्या चीन भारत के लिए खतरा बना हुआ है और उसका मुकाबला करने के लिए क्या कदम उठाए गए।

 

भारतीय तटरक्षक बल के जहाज आईसीजीएस रजतरंग को बल में शामिल करने के बाद राजू ने कहा, हमारी बहुत ही मजबूत प्रतिरोधक मुद्रा है। और हम उसे और मजबूत करने में जुटे हैं। अतएव मैं इस बात से निश्चिंत हूं कि ऐसा कोई कारण नहीं होगा कि संघर्ष हो। हम परस्पर लाभदायक बनने का प्रयास कर रहे हैं।

 

हालांकि राजू ने कहा, मैं सोचता हूं कि इतनी बड़ी आबादी और दुनियाभर में फैले अपने आर्थिक हित वाले देश के रूप में हमें ऐसी मजबूत प्रतिरोधक क्षमता बनानी है ताकि यह सुनिश्चित हो कि हमारा कोई भी विरोधी हमें हल्के में न ले। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मौजूदा रक्षा खरीद प्रणाली पारदर्शी और खुली है।

 

उन्होंने कहा, हम समय की मांग और तकाजा के साथ जिस बात पर बल दे रहे हैं वह है सशस्त्र बलों को क्षमता प्रदान करना क्योंकि उन्हें उसकी जरूरत है। श्रीलंका की नौसेना द्वारा तमिलनाडु के मछुआरों पर बार बार हमले के बारे में राजू ने कहा कि भारत ने राजनयिक स्तर पर श्रीलंका के साथ यह मुद्दा उठाया है।

 

उन्होंने कहा, मैं निश्चिंत हूं कि श्रीलंका सरकार उनकी समुद्री सीमा में हमारे मछुआर के पहुंच जाने के बारे में संवेदनशील हैं। यही वजह है हम अपने मछुआरे समुदाय को यह बताने के लिए बहुत ही वैज्ञानिक तरीके से काम कर रहे हैं कि बहुतायत में मछली मिल सकती है। हल यह है कि हम उन्हें अच्छी सूचना और सलाह दें। रक्षा राज्यमंत्री ने कहा, हम प्रणाली ढूढ़ लेंगे। हम राजनयिक स्तर पर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि वे हमारे मछुआरों के प्रति आक्रामक न हों।  (एजेंसी)

First Published: Saturday, May 19, 2012, 22:29

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