Last Updated: Thursday, March 29, 2012, 16:34
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राष्ट्रपति हू जिंताओ ने गुरुवार को औपचारिक रूप से 2012 को चीन-भारत मित्रता का वर्ष घोषित किया। इसके साथ ही दोनों नेताओं ने फैसला किया कि दशकों पुराने सीमा विवाद सहित कई अन्य मुद्दे सुलझाने के लिए राजनीतिक विश्वास बढ़ाने की कोशिश की जाएगी। दोनों नेताओं ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद शाम में वार्ता की। शिखर सम्मेलन में रूस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपतियों ने भी हिस्सा लिया। वार्ता आधे घंटे से कुछ अधिक समय तक चली। इसमें द्विपक्षीय मुद्दों और वैश्विक मुद्दों पर सहयोग पर बात की गई।
माना जा रहा है कि हू ने उनकी यात्रा के दौरान तिब्बती प्रदर्शनकारियों को नियंत्रण में रखने के लिए भारत की प्रशंसा की। यह सम्भवत: उनकी राष्ट्रपति के रूप में आखिरी भारत यात्रा है। वह इस साल के आखिर में जी जिनपिंग को उत्तराधिकार सौंप सकते हैं। वार्ता में दोनों नेताओं ने 2012 को भारत-चीन मित्रता का वर्ष घोषित किया। उन्होंने दोनों देशों के आम लोगों के आपसी सम्पर्क तथा सांस्कृतिक सम्बंध बढ़ाने के लिए कई कदम उठाने की घोषणा की।
भारत ने इस वार्ता में आपसी व्यापार के काफी अधिक चीन के पक्ष में झुके होने का मुद्दा उठाया। कथित तौर पर हू ने कहा कि चीन अपनी कम्पनियों को भारत के साथ व्यापार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, March 29, 2012, 22:04