Last Updated: Tuesday, January 22, 2013, 18:33
नई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को कहा कि तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान- पाकिस्तान-भारत (तापी) गैस पाइपलाइन परियोजना को अगस्त 2017 तक पूरा करने के लिए भारत पूरी तरह समर्पित है। तुर्कमेनिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री राशिद मेरेदाव के साथ राष्ट्रपति भवन में मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में ऊर्जा स्रोतों की कमी है, जबकि तुर्कमेनिस्तान हाइड्रोकार्बन स्रोतों से समृद्ध है।
हमारी साझी कोशिश यह होनी चाहिए कि दो मित्र देशों के बीच मजबूत रिश्ता बढ़े, जो लम्बी अवधि की ऊर्जा साझेदारी पर आधारित हो। दुनिया प्राकृतिक गैस भंडार का चार फीसदी तुर्कमेनिस्तान मंक मौजूद है। तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगुली बर्डीमुहमदोव के 2010 के नई दिल्ली दौरे के बाद से परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है और तुर्कमेनिस्तान भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए एक भरोसेमंद साझेदार के रूप में उभर रहा है।
सरकारी कम्पनी गेल ने पिछले साल तुर्कमेनिस्तान की सरकारी तेल कम्पनी के साथ पाइपलाइन के जरिए गैस की खरीदारी के एक समझौते पर हस्ताक्षर किया। 1,680 किलोमीटर लम्बी इस पाइपलाइन को शांति पाइपलाइन कहा जा रहा है। पाइपलाइन 2018 को शुरू होगी और 30 सालों तक इसके जरिए रोजाना नौ करोड़ घन मीटर गैस की आपूर्ति होगी।
राष्ट्रपति ने विस्तारित सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता को समर्थन देने के लिए तुर्कमेनिस्तान को धन्यवाद दिया। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 22, 2013, 18:33