Last Updated: Saturday, March 24, 2012, 15:44
नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचसीआर) में श्रीलंका के खिलाफ मतदान करने के बाद उसे शांत करवाने के प्रयास के तहत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वहां के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को पत्र लिखा और उनसे कहा कि भारत ने अमेरिका समर्थित प्रस्ताव में ‘संतुलन का तत्व’ शामिल करवाने के हर संभव प्रयास किये और वह उसमें सफल रहा। साथ ही सिंह ने स्थायी राजनीतिक समाधान हासिल करने की आवश्यकता पर बल दिया जो अल्पसंख्यक तमिलों की शिकायतों का निदान करेगा।
सिंह ने पत्र में कहा, ‘मैंने अपने प्रतिनिधिमंडल को आगे के लिए सकारात्मक मार्ग ढूढ़ने के प्रयास के तहत श्रीलंका के अपने समकक्षों के साथ संपर्क में बने रहने का निर्देश दिया था। महामहिम इस बात से वाकिफ होंगे कि हमने अपने प्रयासों में कोई कमी नहीं होने दी और हम प्रस्ताव की भाषा में संतुलन का तत्व शामिल करवाने में सफल रहे।’ वह जिनेवा में यूएनएचसीआर में श्रीलंका के खिलाफ भारत के मतदान करने का जिक्र कर रह थे जहां भारत ने गृहयुद्ध के दौरान कथित मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ प्रस्ताव का समर्थन किया। भले ही भारत ने प्रस्ताव के पक्ष में समर्थन किया लेकिन उसने पर्दे के पीछे से यह सुनिश्चित किया कि इसका स्वरूप हस्तक्षेप करने वाला नहीं हो। (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 25, 2012, 00:09