Last Updated: Tuesday, February 19, 2013, 19:22
नई दिल्ली : भारत, अमेरिका और अफगानिस्तान की त्रिपक्षीय बैठक के दौरान आज अफगानिस्तान में राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा से जुड़े बदलाव के साथ-साथ परियोजनाओं में विशेष सहयोग के मुद्दों पर चर्चा हुई। तीनों देशों के बीच हुई इस बैठक में अफगानिस्तान के हालात के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई।
समझा जाता है कि अधिकारी स्तर की इस बैठक के दौरान तीनों देशों के सामने मौजूद एक जैसी चुनौतियों और मौकों से रूबरू होने के मामले में सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की गयी जिसमें आतंकवाद एवं हिंसक चरमपंथ से मुकाबला और बढ़ रहा क्षेत्रीय व्यापार एवं निवेश जैसे मुद्दे शामिल हैं।
गौरतलब है कि यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका ने पिछले दिनों इस बात का ऐलान किया था कि अगले एक साल में अफगानिस्तान से 34,000 अमेरिकी सैनिकों की वापसी होगी। विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (पीएआई) वाई के सिन्हा ने बताया, ‘‘चूंकि भारत, अफगानिस्तान और अमेरिका एक शांतिपूर्ण, स्थिर, लोकतांत्रिक एवं समृद्ध अफगानिस्तान चाहते हैं, तो ऐसे में यह त्रिपक्षीय वार्ता ऐसा मौका देती है जिसमें हम ऐसे किसी विषय के प्रति अपने व्यापक विचार जाहिर कर सकें जो अफगानिस्तान में होने वाले बदलाव के मद्देनजर महत्वपूर्ण हों।’’
अफगानिस्तान की ओर से उप-विदेश मंत्री जावेद लुदीन, भारत की ओर से सिन्हा एवं विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव :अमेरिका: विक्रम कुमार दोरइस्वामी और अमेरिका की ओर से इसके दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के सहायक मंत्री रॉबर्ट ब्लेक ने इस त्रिपक्षीय वार्ता में शिरकत की । भारत, अमेरिका और अफगानिस्तान के बीच पहली त्रिपक्षीय वार्ता पिछले साल सितंबर में हुई थी जिसके दौरान तीनों पक्षों ने अफगानिस्तान के हालात पर खुल कर चर्चा की थी।
ताजा बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि अमेरिकी बलों की वापसी के बाद अफगानिस्तान पर क्या असर पड़ेगा और फिर इसकी भविष्य की रणनीति पर चर्चा होगी। समझा जाता है कि बैठक में ब्रिटेन में वहां के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन की अध्यक्षता में हुई पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान के राष्ट्रपतियों की मुलाकात पर भी चर्चा की गयी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 19, 2013, 19:22