भारत रत्न वापस नहीं लिया जा सकता : सोमनाथ

भारत रत्न वापस नहीं लिया जा सकता : सोमनाथ

भारत रत्न वापस नहीं लिया जा सकता : सोमनाथकोलकाता : अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन से भारत रत्न सम्मान वापस लेने की भाजपा नेता चंदन मित्रा की मांग को खारिज करते हुए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने आज कहा कि ऐसा नहीं हो सकता। चटर्जी ने यहां एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, ‘यह चौंकाने वाला बयान है। क्या भारत रत्न किसी को ऐसे ही फायदा पहुंचाने के लिए दिया जाता है। इसे कैसे वापस लिया जा सकता है।’

‘भारत में न्यायपालिका, नीति और न्याय’ विषय पर परिचर्चा से इतर सोमनाथ ने कहा, ‘सभी जानते हैं कि इस सम्मान को प्राप्त करने वाला कितना काबिल होता है। यह देश द्वारा, देश की जनता द्वारा उन्हें प्रशस्ति के रूप में प्रदान किया जाता है।’ पश्चिम बंगाल में हाल ही में संपन्न हुए पंचायत चुनावों के बारे में पूछे जाने पर चटर्जी ने कहा, ‘मैं केवल यह कह सकता हूं कि मैं इस पंचायत चुनावों में मतदान करना चाहता था। लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सका क्योंकि मैं अपना पता परिवर्तन दर्शाने के लिए जो दस्तावेज यहां से मेरे पैतृक स्थल बीरभूम भेजना चाहता था, वे समय पर तैयार नहीं थे।’

चटर्जी ने याद किया कि ज्योति बसु के कहने पर उन्होंने किस तरह अपने 40 साल के न्यायिक कॅरियर को बीच में छोड़ दिया था। उन्होंने परिचर्चा के दौरान कहा कि न्याय देने की प्रभावशाली प्रणाली के लिए न्यायिक सुधार एक सतत प्रक्रिया होनी चाहिए।

उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अशोक गांगुली ने कहा कि आरटीआई कानून एक क्रांतिकारी कदम है और देश के प्रत्येक नागरिक को सूचना पाने का अधिकार है। उन्होंने कहा, ‘इस कानून की शुद्धता को अक्षुण्ण रखना होगा।’ उच्चतम न्यायालय के एक और पूर्व जज न्यायमूर्ति तरण चटर्जी ने एक वैकल्पिक विवाद निवारण प्रणाली के बारे में बात की। (एजेंसी)

First Published: Saturday, July 27, 2013, 20:13

comments powered by Disqus