भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग की बैठक 15 को

भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग की बैठक 15 को

नई दिल्ली : भारत और रूस के बीच सोमवार को अंतर सरकारी आयोग की बैठक होगी जिसमें व्यापार, वैज्ञानिक मुद्दों समेत कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी। बैठक के दौरान दोनों पक्षों के कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (केएनपीपी) 3 और 4 पर भी बातचीत करने की उम्मीद है।

व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक (आईआरआईजीसी टीईसी) मामलों पर अंतर सरकारी आयोग की सह अध्यक्षता विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा और रूस के उप प्रधानमंत्री दिमित्री रोगोजिन करेंगे। यह बैठक रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमीर पुतिन के दौरे से पहले हो रही है। इस बैठक में दोनों मंत्री एक नवंबर को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पुतिन के बीच वार्षिक शिखर स्तर की बातचीत का एजेंडा तय करेंगे।

आयोग व्यापार और अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी समेत विभिन्न मुद्दों पर संयुक्त कार्यकारी समूहों के कार्यों की प्रगति का जायजा लेगा। भारत और रूस 2015 तक कारोबार को 20 अरब डालर तक ले जाना चाहते हैं। विदेश मंत्रालय ने आज कहा, ‘आईआरआईजीसी टीईसी रूस संघ और भारत के बीच द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग पर शीर्ष मंच है। यह रूस और भारत के बीच विशेष गठजोड़ का महत्वपूर्ण स्तम्भ है।’ यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों मंत्रियों के बीच केएनपीपी 3 और 4 के बारे में भी चर्चा होगी, विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि यह मुद्दा आयोग की बैठक के एजेंडे का हिस्सा नहीं है। दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों के सभी आयामों पर चर्चा करेंगे जिसमें यह विषय भी आ सकता है।

भारतीय असैन्य परमाणु जवाबदेही कानून पर दोनों पक्षों की समझ में भिन्नता के बीच केएनपीपी की इकाई-3 और इकाई-4 महत्वपूर्ण विषय बन गया है। रूस का तर्क है कि असैन्य परमाणु जवाबदेही कानून दोनों इकाइयों पर लागू नहीं होता है क्योंकि यह समझौता 2010 के असैन्य जवाबदेही कानून से पहले का है। भारत ने स्पष्ट किया है कि रूस को अपवाद बनाए जाने से अमेरिका और फ्रांस को भी ऐसी ही छूट की मांग करने के लिए बढ़ावा मिलेगा जो वह वहन नहीं कर सकता है। (एजेंसी)

First Published: Saturday, October 13, 2012, 17:28

comments powered by Disqus