Last Updated: Friday, July 26, 2013, 18:05

नई दिल्ली : नेपाल अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं होने देगा। यह बात नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल ने कही।
नेपाल ने कहा, ‘भारत या चीन के खिलाफ गतिविधियों के लिए हम किसी को भी अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं करने देंगे।’ उन्होंने कहा, ‘मजबूत संविधान बन जाने के बाद अपने क्षेत्र में हम बाहरी प्रभाव को रोकेंगे।’ एक चर्चा के दौरान सीपीएन-यूएमएल के नेता ने कहा कि नेपाल में सभी वर्गों को स्वीकार्य संविधान तैयार करने में उनका देश भारत से सहयोग चाहता है।
नेपाल ने कहा, ‘नेपाल में भारत की तरह ही कई जातीय समूह और अल्पसंख्यक हैं, उनमें से सभी को संविधान में शामिल किया जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘यह अल्पसंख्यकों का देश है जिन्हें मजबूत लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए एकजुट करने की जरूरत है जहां हमें भारत के समर्थन की जरूरत है।’ नेपाल में संविधान सभा के दूसरे चुनाव इस वर्ष नवम्बर में होने हैं। सभी पक्षों को स्वीकार्य मसौदा पेश करने में विफल रहने पर पहले के संविधान सभा को भंग कर दिया गया।
नेपाल के मुताबिक उनके देश की मुख्य चिंता विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच समन्वय की कमी है कि किस तरह की सरकार चुनी जाए। राजनीतिक उथल-पुथल के बीच नेपाल में राजतंत्र लौटने की आशंकाओं को खारिज करते हुए नेपाल ने कहा, ‘नेपाल में राजतंत्र के लौटने की संभावना नहीं है, लोग ऐसा नहीं होने देंगे।’ (एजेंसी)
First Published: Friday, July 26, 2013, 18:05