`भारतीय बंधकों के बदले जलदस्युओं को छोड़े सरकार`

`भारतीय बंधकों के बदले जलदस्युओं को छोड़े सरकार`

नई दिल्ली : केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने केन्द्र सरकार से कहा है कि पिछले दो वर्ष से बंधक बने सात भारतीय नाविकों की रिहाई के लिए हिरासत में मौजूद कुछ सोमाली जलदस्युओं को छोड़ने पर तत्काल विचार किया जाए।

केन्द्रीय जहाजरानी मंत्री जीके वासन और विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के सामने यह मुद्दा उठाते हुए चांडी ने सोमालिया के जलदस्युओं की भारतीय बंधकों के बदले मुंबई जेलों में बंद सोमाली जलदस्युओं की रिहाई की मांग को पूरा करने में देर पर दुख जताया।

चांडी ने यहां कहा, मुझे नहीं लगता कि 28 सितंबर 2010 से बंधक बने भारतीयों के जीवन को बचाने के लिए कोई और रास्ता है। इन जलदस्युओं को हमारी जेलों में रखने का क्या मतलब है?’’ केन्याई समुद्री सीमा से ‘एमवी असफाल्ट वेंचर’ का अपहरण करने वाले जलदस्युओं ने इसके मालिकों द्वारा फिरौती की रकम देने के बाद यह पोत छोड़ा था। चालक दल के 15 सदस्यों में से आठ को तभी रिहा कर दिया गया था। लेकिन जलदस्युओं ने सात भारतीयों को रिहा नहीं किया जिसमें से दो केरल के रहने वाले हैं।

उन्होंने कहा कि मुंबई की जेलों में बंद सोमालियाई जलदस्युओं की रिहाई के बदले भारतीय बंधकों को हासिल किया जा सकता है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और तत्कालीन गृह मंत्री पी चिंदबरम के सामने भी यह मुद्दा उठा चुके चांडी ने कहा कि सरकार का शीर्ष नेतृत्व अदला बदली के इस समझौते के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार इस बात पर जोर दे रही है कि कोई फैसला लेने से पहले इसकी सुनवाई होनी चाहिए।

चांडी ने कहा कि उन्होंने खुर्शीद से महाराष्ट्र की अदालतों में सोमालियाई जलदस्युओं के खिलाफ मामलों के शीघ्र निबटारे की सभी संभव कोशिश करने के लिए कहा ताकि भारतीय बंधकों की रिहाई जल्द संभव हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस मुद्दे पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को भी पत्र लिखेंगे। चांडी ने कहा कि पीड़ितों के परिजन के दर्द को खत्म करने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। यह एक मानवीय मुद्दा है। (एजेंसी)

First Published: Saturday, November 24, 2012, 18:31

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