Last Updated: Saturday, January 26, 2013, 09:18

नई दिल्ली : भूटान ने कहा है कि भारत के साथ दोस्ती उसके भविष्य की सफलता के लिए अपरिहार्य है। भूटान ने साथ ही यह बात भी दोहराई कि भारत उसकी विदेश नीति की आधारशिला बना रहेगा।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा आयोजित किए गए भोज में भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्यल वांगचुक ने कहा कि दोनों देश एक ऐसे लंबे सफर की उम्मीद करते हैं ‘जिसके रास्ते भूराजनैतिक और ऐतिहासिक नींव पर बने होंगे’। वांगचुक ने अपने भाषण में कहा, ‘भारत-भूटान की दोस्ती भूटान के भविष्य की सफलता के लिए अपरिहार्य है।’ उन्होंने साथ अपने पिता की बात को याद करते हुए कहा कि उनके पिता ने घोषणा की थी कि भारत भूटान की विदेश नीति की आधारशिला है।
भूटान नरेश भारत के गणतंत्र दिवस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हैं। उन्होंने दोनों देशों के संबंधों को ‘विश्वास, परस्पर निर्भरता और स्थिरता की भावना से जन्मा’ बताया। वांगचुक ने कहा, ‘भारत दुनिया के सबसे महान धर्मों का स्थल है। यह महान विचारकों और नेताओं की भूमि है। भारत में 20 प्रतिशत मानव आबादी रहती है, यहां 20 साल से कम उम्र के आधा अरब से अधिक नागरिक हैं। यह महान युवा प्रतिभा और खोज की उर्वर भूमि है और यह सब विश्व के इस सबसे बड़े लोकतंत्र में फल-फूल रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि भूटान को भारत के पड़ोसी और सबसे करीबी मित्र होने पर गर्व है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, January 26, 2013, 09:18