Last Updated: Wednesday, August 28, 2013, 18:50
नई दिल्ली : संप्रग सरकार का महत्वाकांक्षी भूमि अधिग्रहण विधेयक गुरुवार को लोकसभा में पेश होगा। इस विधेयक का उद्देश्य औद्योगिक उद्देश्यों के लिए होने वाले भूमि अधिग्रहण से प्रभावित होने वाले परिवारों को ‘न्याय संगत एवं उचित’ मूल्य प्रभावित परिवारों को दिलाना है।
संप्रग सरकार अपने एक अन्य महत्वाकांक्षी खाद्य विधेयक को पहले ही पारित करवा चुकी है। विधेयक में भूमि अधिग्रहण से प्रभावित परिवारों को दिए जाने वाला मुआवजा ग्रामीण इलाकों में बाजार मूल्य का चार गुणा तथा शहरी क्षेत्रों में बाजार मूल्य का दो गुणा करना प्रस्तावित है।
ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश इस विधेयक को पेश करेंगे। इसमें प्रस्ताव किया गया है कि प्रभावित लोगों को विकास में भागीदार बनाया जाए जिससे अधिग्रहण के बाद उनकी सामाजिक व आर्थिक स्थिति सुधरेगी।
रमेश ने कहा कि यह विधेयक ‘भूमि अधिग्रहण, पुनर्स्थापना एवं पुनर्वास में पारदर्शिता तथा उचित मुआवजे का अधिकार विधेयक, 2012’ भूमि अधिग्रहण मामलों में अब तक होने वाले अन्याय को दूर करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सरकार ने इस दिशा में कदम उठाते हुए मजबूत कानूनी पूर्वापेक्षाएं तय की हैं जिन्हें भूमि अधिग्रहण से पहले पूरा करना होगा। यह विधेयक सदी पुराने भूमि अधिग्रहण कानून 1894 की जगह लेगा जिसमें आज के हिसाब से अनेक कमियां हैं।
इस विधेयक को दो सर्वदलीय बैठकों के बाद पेश किया जा रहा है जिसमें सरकार ने भाजपा नेता सुषमा स्वराज तथा वामदलों द्वारा सुझाए गए पांच प्रमुख सुझावों को स्वीकार किया है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, August 28, 2013, 18:50