Last Updated: Tuesday, October 25, 2011, 13:40
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट
ने
व्यवस्था दी है कि अगर सरकार नियमानुसार भूमि अधिग्रहण की घोषणा के दो साल के भीतर जमीन मालिकों को मुआवजा पर फैसला नहीं कर पाती तो भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया निष्प्रभावी हो जाएगी।
न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय की पीठ ने कहा कि अदालती मुकदमेबाजी में लगे समय को इसमें शामिल नहीं माना जाना चाहिए। संबंधित प्रावधान के अनुसार कलेक्टर घोषणा प्रकाशित होने की तारीख के दो साल के भीतर मुआवजा के संबंध में फैसले के लिए बाध्य हैं।
न्यायमूर्ति सिंघवी ने फैसला लिखते हुए कहा, ‘यदि समय के भीतर मुआवजा संबंधी फैसला नहीं किया जाता तो अधिग्रहण की प्रक्रिया स्वत: समाप्त हो जाएगी।’ शीर्ष अदालत ने भूमि मालिक आर. इंदिरा शरतचंद्र तथा अन्य लोगों की याचिका को मंजूर करते हुए यह व्यवस्था दी। याचिकाकर्ताओं ने तमिलनाडु आवास विकास निगम की ओर से अपनी जमीन के अधिग्रहण को चुनौती दी थी।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 25, 2011, 19:10