भूषण के बने रहने पर टीम अन्‍ना में मतभेद - Zee News हिंदी

भूषण के बने रहने पर टीम अन्‍ना में मतभेद

 

रालेगण सिद्धी/नई दिल्ली : भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में प्रशांत भूषण के बने रहने पर अन्ना हजारे की टिप्पणी के बाद टीम अन्‍ना में कई अहम मुद्दों पर मतभेद दिखाई दे रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, अन्‍ना के हाल के रुख कि हजारे पक्ष की कोर समिति भूषण के अभियान में बने रहने के बारे में फैसला करेगी, ने हजारे पक्ष के दूसरे सदस्यों को आश्चर्यचकित कर दिया है।

 

पिछले दो दिन में अन्‍ना ने भूषण के टीम अन्‍ना में बने रहने पर तीन बार अपना रुख बदला है। भूषण ने जम्मू-कश्मीर में जनमत संग्रह की वकालत की थी, जिसके बाद विवाद पैदा हो गया था। इसके पहले हजारे ने शुक्रवार की दोपहर कहा था कि भूषण को हजारे पक्ष में बनाए रखने के बारे में नई दिल्ली में होने वाली कोर समिति की बैठक के बाद फैसला किया जाएगा।

 

हालांकि, वह स्वयं इस बैठक में शामिल नहीं हुए पर टीम अन्‍ना के सदस्य उनके लगातार संपर्क में थे। अन्‍ना ने अपने ब्लॉग में एक स्पष्टीकरण देते हुए उनके नाम पर झूठ फैलाने के लिए मीडिया में ‘कुछ नकारात्मक बलों’ को जिम्मेदार ठहराया।
हालांकि ब्लॉग की इस पोस्टिंग को बिना कोई कारण बताए कुछ ही घंटों में हटा दिया गया। भूषण ने जम्मू-कश्मीर में जनमत संग्रह की वकालत कर एक विवाद पैदा कर दिया था। यह मुद्दा तब और उछला, जब तीन युवकों ने उनके कार्यालय में उन पर हमला कर दिया । टीम अन्‍ना के कई अहम सदस्यों को कल रात उस समय झटका लगा, जब अन्‍ना ने एक टीवी चैनल से कहा कि मैं हर उस व्यक्ति के खिलाफ हूं, जो देश को तोड़ने की बात करता है। भूषण ने जो कुछ भी कहा, उससे मैं असहज हूं। उनके हमारे पक्ष में बने रहने के बारे में हमारी कोर समिति फैसला करेगी। इसके साथ ही अन्‍ना कश्मीर पर भूषण की टिप्पणी से खुद को दूर रखने के अपने रुख पर वापस लौट आए हैं।

 

टीम अन्‍ना के अहम सदस्य अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कोर समिति के भूषण के टीम अन्‍ना में बने रहने के फैसले के बारे में घोषणा की थी। सूत्रों के मुताबिक, केजरीवाल अन्‍ना के साथ बातचीत करने के लिए सप्ताहांत में रालेगण सिद्धी में थे, लेकिन गांधीवादी कार्यकर्ता ने केजरीवाल से इस बारे में कोई बात नहीं की कि वह भूषण पर अपना रुख बदल रहे हैं। इस मुद्दे पर टिप्पणी करने के लिए केजरीवाल उपलब्ध नहीं हो सके। गौर करने वाली बात यह है कि इस साक्षात्कार के बाद अन्‍ना ‘मौन व्रत’ पर चले गए। टीम अन्‍ना के एक अहम सदस्य ने कहा कि अगर अन्‍ना भूषण को टीम अन्‍ना से निष्कासित करने का फैसला करते हैं तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा।

 

सूत्रों के मुताबिक, रालेगण सिद्धी में अन्‍ना के कई करीबी सहयोगियों ने उन्हें इस बात के लिए मनाया कि वह कांग्रेस विरोधी अपने रुख में थोड़ी नरमी लाएं। उन्होंने बताया कि कांग्रेस के कई नेताओं ने उनसे मुलाकात की। वे अन्‍ना के संपर्क में हैं। कई वरिष्ठ नेता फोन पर उनके संपर्क में हैं। अन्‍ना को केजरीवाल का यह बयान भी ठीक नहीं लगा कि अन्‍ना संसद के भी ऊपर हैं।

(एजेंसी)

First Published: Monday, October 17, 2011, 10:00

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