Last Updated: Thursday, August 9, 2012, 21:36

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल में यूनियन कार्बाइड कापरेरेशन की फैक्ट्री के आसपास फैले विषाक्त कचरे को हटाने के लिए समय सीमा निर्धारित करते हुए आज केन्द्र और मध्य प्रदेश सरकार को छह महीने के भीतर इसका निष्पादन करने का निर्देश दिया।
प्रधान न्यायाधीश एसएच कपाड़िया की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि यह निर्विवाद है कि फैक्ट्री के आसपास अभी भी बड़ी मात्रा में विषाक्त सामग्री और कचरा पड़ा हुआ है। इसकी मौजूदगी ही स्वास्थ्य के लिये खतरनाक है। इसका वैज्ञानिक तरीके से जल्द से जल्द निष्पादन करने की आवश्यकता है।
इसलिए हम केन्द्र और राज्य सरकार को निर्देश देते हैं कि अधिकार प्राप्त निगरानी समिति, परामर्श समिति और राष्ट्रीय पर्यावरण स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान की सिफारिशों के आलोक में फैक्ट्री के आसपास पड़े इस विषाक्त कचरे का आज से छह महीने के भीतर निष्पादन किया जाए। खंडपीठ ने भोपाल गैस त्रासदी से पीड़ित व्यक्तियों के पुनर्वास और राहत के कार्य की निगरानी की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय को सौंप दी है।
न्यायालय ने कहा कि यह जनहित याचिका इस मामले के बेहतर और प्रभावी नियंत्रण के लिए मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र वाली बेंच को स्थानांतरित की जाती है। अब से इस मामले में सभी आवेदन उच्च न्यायालय की संबद्ध बेंच के समक्ष ही दाखिल होंगे और वही शीर्ष अदालत के विभिन्न आदेशों के आलोक में इनका निबटारा करेगी ताकि राहत और पुनर्वास कार्यक्रम के ठीक से कामकाज को सुनश्चित किया जा सके। (एजेंसी)
First Published: Thursday, August 9, 2012, 21:36