भ्रष्टाचार निरोधक (संशोधन) बिल पर संसदीय समिति ने मांगे सुझाव

भ्रष्टाचार निरोधक (संशोधन) बिल पर संसदीय समिति ने मांगे सुझाव

भ्रष्टाचार निरोधक (संशोधन) बिल पर संसदीय समिति ने मांगे सुझावनई दिल्ली : रिश्वत देने वालों को सजा और भ्रष्ट नौकरशाहों की संपत्ति जब्त करने सहित अन्य उद्देश्यों से लाए जा रहे एक विधेयक पर संसद की स्थायी समिति ने जनता से सुझाव मांगे हैं।

भ्रष्टाचार निरोधक (संशोधन) विधेयक, 2013 को 19 अगस्त को राज्यसभा में पेश किया गया और फिर विचार के लिए इसे 23 अगस्त को कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय विभाग की स्थायी संसदीय समिति के पास भेज दिया गया। समिति इस पर विचार कर तीन माह में अपनी रिपोर्ट देगी। कल जारी एक सार्वजनिक नोटिस में संसदीय समिति ने लोगों और संगठनों से इस विधेयक के बारे में सुझाव देने के लिए कहा है।

यह विधेयक भ्रष्टाचार निरोधक कानून में संशोधन कर इसमें परोक्ष रूप से रिश्वत देने (पैसिव ब्राइबरी) को और इसके अलग अलग पहलुओं को अपराध के तौर पर शामिल करने के लिए लाया जा रहा है। इन पहलुओं में मध्यस्थों :निजी व्यक्तियों: के माध्यम से रिश्वत लेना शामिल है।

अगर यह विधेयक कानून का रूप ले लेता है तो इसके तहत रिश्वत देने वालों पर सहमति से रिश्वत के आरोप में मुकदमा चलाया जा सकेगा। वर्तमान में रिश्वत देने वालों को सजा का प्रावधान किसी घरेलू कानून में नहीं है। इस विधेयक में किसी नौकरशाह को वाणिज्यिक संगठन द्वारा रिश्वत देने और भ्रष्ट नौकरशाह की संपत्ति जब्त कर लेने संबंधी अपराध के लिए भी सजा का प्रावधान है। (एजेंसी)

First Published: Sunday, September 1, 2013, 10:46

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