भ्रष्टाचार पर सोनिया, पीएम को केजरीवाल ने दी खुली बहस की चुनौती

भ्रष्टाचार पर सोनिया, पीएम को केजरीवाल ने दी खुली बहस की चुनौती

भ्रष्टाचार पर सोनिया, पीएम को केजरीवाल ने दी खुली बहस की चुनौतीज़ी न्यूज ब्यूरो

नई दिल्ली: इंडिया अगेंस्ट करप्शन के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने रविवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी को भ्रष्टाचार पर सार्वजनिक बहस के लिए आमंत्रित किया। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा किया वार पर पलटवार करते हुए केजरीवाल ने ट्विटर के जरिए कहा, मैं कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के प्रत्येक सवाल का जवाब दूंगा। उससे पहले सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह को सार्वजनिक बहस के लिए आना होगा।

उन्होंने ट्विट किया, हमने रॉबर्ट वाड्रा और प्रधानमंत्री से कुछ सवाल किए हैं। पहले उन प्रश्नों का उत्तर दें। उसके बाद हम दिग्विजय सिंह के सभी सवालों के जवाब देंगे। उन्होंने कहा, मैं दिग्विजय सिंह से निवेदन करता हूं कि वे सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री और राहुल गांधी को सार्वजनिक बहस में आने के लिए प्रोत्साहित करें। बहस के लिए जगह और समय उन्हीं के अनुसार तय होंगे। एक दूसरे से सार्वजनिक मुद्दे और व्यक्तिगत मुद्दे पर सवाल किए जाएंगे।

इससे पहले दिग्विजय सिंह ने कल केजरीवाल को 27 सवालों की एक सूची भेज कर उनसे पूरी स्पष्टता और ईमानदारी से इनके जवाब देने को कहा है। सिंह ने केजरीवाल को शुक्रवार को भी एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने केजरीवाल को अपने हितों की पूर्ति करने वाला महत्वाकांक्षी अहंकारी और उन्मादी व्यक्ति बताया था।’ सिंह ने केजरीवाल से पूछा है, ‘आपके एनजीओ की किसी भी वेबसाइट पर व्यक्तिगत और कॉरपोरेट दानकर्ताओं का ब्यौरा क्यों नहीं हैं। क्या यह सही है कि एनजीओ कबीर, जिससे आप काफी करीब से जुड़े हैं, को फोर्ड फाउंडेशन से वर्ष 2005 और 2006 में क्रमश: 17,200 अमेरिकी डॉलर और 1,97,000 अमेरिकी डॉलर प्राप्त हुए हैं।’

सिंह ने पूछा, ‘क्या इस विदेशी धन का इस्तेमाल भ्रष्टाचार के मुद्दे पर संगोष्ठी, चर्चायें, कार्यक्रम आयोजित करने, सोशल मीडिया अभियान चलाने और प्रचार सामग्री तैयार करने में किया गया।’ कांग्रेस नेता ने अमेरिकी एनजीओ आवाज के साथ केजरीवाल के संबंधों के बारे में भी जानना चाहा जिसके बारे में उन्होंने कहा कि इसने लीबिया, ट्यूनिशिया, मिस्र और सीरिया में सविनय अवज्ञा आंदोलन को धन दिया है। उन्होंने केजरीवाल से पूछा कि आवाज से उनके भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को क्या और किस तरह की मदद मिली है।

सिंह ने यह भी पूछा कि अगर इंडिया अगेंस्ट करप्शन में उनके किसी स्टाफ सदस्य या सहयोगी किसी अनियमितता में संलिप्त पाए जाते हैं तो क्या वे एक नेता के रूप में इसकी जिम्मेवारी स्वीकार करने को और आईएसी से इस्तीफा देने या सार्वजनिक जीवन छोड़ने को इच्छुक हैं। उन्होंने केजरीवाल से यह भी जानना चाहा कि उन्होंने भाजपा शासित राज्यों में भ्रष्टाचार के मुद्दे को कभी क्यों नहीं उठाया जबकि स्थानीय प्रेस, राजनीतिक दलों और कैग ने वहां भ्रष्टाचार के मुद्दों की रिपोर्ट दी है।

सिंह ने केजरीवाल और उनकी पत्नी के नौकरी के कार्यकाल और नियमों से जुड़े कुछ सवाल भी पूछे। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह सच है कि भारतीय राजस्व सेवा के अपने पूरे 20 साल के करियर में आपने कभी दिल्ली से बाहर काम नहीं किया और यहां तक कि आपकी पत्नी भी कभी दिल्ली से बाहर तैनात नहीं रहीं। मालूम हो कि केजरीवाल की पत्नी भी भारतीय राजस्व सेवा की अधिकारी हैं।

उन्होंने यह भी पूछा कि क्या यह सही है कि अध्ययन अवकाश पर जाने वाले किसी भी सरकारी अधिकारी को अपने अध्ययन के बारे में पूरी रिपोर्ट सरकार को सौंपनी होती है और आपने सिर्फ अंतरिम रिपोर्ट इस वादे के साथ सौंपी थी कि पूरी रिपोर्ट बाद में सौंपेंगे जो आपने कभी नहीं सौंपी।’

कांग्रेस नेता ने यह भी जानना चाहा कि क्या केजरीवाल ने सरकारी नौकरी में रहते हुए अपने एनजीओ के लिए निजी दान और विदेशी चंदे प्राप्त करने के लिए मंत्रालय से अनुमति ली थी और क्या नौकरी में रहते हुए उन्होंने अपना एनजीओ बनाने के लिए सरकार से अनुमति ली थी।

दिग्विजय के पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केजरीवाल ने कहा कि पत्र जवाब देने लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि पत्र से मालूम होता है कि कांग्रेस कितनी हैरान एवं परेशान है। केजरीवाल ने दिग्विजय के आरोपों को पूरी तरह से गलत बताया जिसमें उन्होंने कहा था कि वह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) प्रमुख सोनिया गांधी के नेतृत्व में बनी राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) में शामिल होना चाहते थे। केजरीवाल ने कहा कि उनकी कभी सोनिया गांधी के साथ चाय पीने की इच्छा नहीं हुई क्योंकि एनएसी के सदस्य बैठक में केवल चाय पीते हैं।

First Published: Sunday, October 21, 2012, 11:39

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